Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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ड्रीम बजट से मतदाताओं को साधेंगे गहलोत

ड्रीम बजट से मतदाताओं को साधेंगे गहलोत

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- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनावी साल में अपना ड्रीम बजट विधानसभा में पेश कर दिया है। उनकी सरकार के इस कार्यकाल का यह अंतिम बजट है। इस वर्ष के अंत में राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में बजट का लोक लुभावना होना स्वाभाविक ही है। मतदाताओं को लुभाने के लिए गहलोत ने बजट में राहतों का पिटारा खोला है। आमजन के लिए नई योजनाओं की घोषणा भी की है। मुख्यमंत्री का पूरा प्रयास है कि राजस्थान में हर बार सरकार बदलने के मिथक को तोड़ा जाए। इसी को ध्यान में रखकर प्रदेश के आम मतदाताओं को बजट के माध्यम से लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बजट से पहले ही मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि इस बार के बजट का पूरा फोकस युवा व महिलाओं पर होगा। यह बजट में देखने को मिल भी रहा है। बजट में गहलोत ने समाज के किसी भी तबके को राहत देने से वंचित नहीं रखा है। मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत तीस...

गहलोतः सासू छोटी, बहू बड़ी

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लाख मना करें कि उन्होंने अपने समर्थक कांग्रेस विधायकों को नहीं भड़काया, लेकिन उनकी इस बात पर कौन भरोसा करेगा? उनके 92 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे सौंपकर वह काम कर दिखाया है, जो मेरी याददाश्त में कांग्रेस तो क्या, किसी भी पार्टी के राज्य में ऐसा कभी नहीं हुआ। पहले कई बार दल-बदल हुए हैं, सरकारें गिरी हैं लेकिन किसी पार्टी की इज्जत इस तरह से पहले कभी नहीं गिरी। सोनिया-राहुल कंपनी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि उनके अपने कर्मचारी उन्हें शीर्षासन करा देंगे। यदि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष बनने के पहले ही यह करिश्मा दिखा सकते हैं तो अध्यक्ष के तौर पर तो वे मां-बेटे की मिल्कियत को भी उलटवा सकते हैं। राजस्थान में हुए घटनाक्रम की यही व्याख्या दिल्ली से भेजे गए दूत अब लौटकर पार्टी मालिकों को देंगे। गहलोत अपने हाथ झाड़ना चाहेंगे ले...

भारत जोड़ो यात्रा के बीच बिखराव की ओर कांग्रेस

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- सुरेश हिन्दुस्थानी राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर छिड़ी आपसी लड़ाई के बीच राज्य में कांग्रेस के भविष्य के सामने एक बड़ा प्रश्नचिह्न उपस्थित हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने नेतृत्व पर राजनीतिक दबाव बनाने का जो खेल खेला है, उसका राजनीतिक दृष्टिकोण से अध्ययन किया जाए तो यही प्रमाणित करता है कि यह अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा है। इससे यह भी संदेश जा रहा है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाने को लेकर जिस प्रकार से गहलोत समर्थक विधायकों ने अपने त्यागपत्र दिए हैं, उससे प्रथम दृष्टया यही लगता है कि ये विधायक कांग्रेस के कम गहलोत के ज्यादा हैं। विधायकों का यह नाटक निश्चित ही गहलोत के संकेत पर ही चल रहा होगा। इसके अलावा केन्द्र की ओर से भेजे गए दो पर्यवेक्षक भी राजस्थान में उत्पन्न हुए राजनीतिक संकट को दूर करने में असमर्थ ही रहे। हालांकि पार्टी अनुशासन को ध्य...

अपने जाल में फंसे अशोक गहलोत !

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- रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का जादूगर माना जाता है। उनके बारे में कहा जाता है कि वह अपनी राजनीतिक कुशलता के बल पर अंतिम समय में बिगड़ी बाजी को पलट सकते हैं। अपने राजनीतिक सूझबूझ व कौशल के बल पर ही अशोक गहलोत ने राजनीति के मैदान में लंबी पारी खेली है। उसी की बदौलत वो शीघ्र ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने वाले हैं। मुख्यमंत्री, केंद्र में मंत्री, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तो बहुत से नेता बनते रहे हैं। मगर कांग्रेस जैसी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना अपने आप में बहुत बड़े गौरव की बात है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा अशोक गहलोत का नाम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुना जाना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए भी फक्र की बात है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर अशोक गहलोत, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे द...

अशोक गहलोत के बयान पर निर्भया की मां ने जताई आपत्ति, कहा- ‘बेटी का मजाक उड़ाया’

देश
जयपुर । राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) का रेप के बढ़ते मामले (rape cases) को लेकर दिया बयान विवादित रूप ले लिया है। गहलोत के बयान पर अब निर्भया की मां आशा देवी ((Nirbhaya Mother Asha Devi)) ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत शर्मनाक बयान है, यह दर्दनाक है, खासकर उन परिवारों और लड़कियों के लिए, जो इस तरह के जघन्य अपराधों की शिकार हुई हैं। निर्भया की मां ने कहा, उन्होंने (सीएम गहलोत) ने निर्भया का मजाक उड़ाया, कानून उनकी सरकार ने बनाया।" पीड़ितों के प्रति उनके मन में सहानुभूति नहीं- आशा देवी निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, "प्रावधान जब नहीं आया था, तब लड़कियों की हत्या कर दी जाती थी। सीएम गहलोत का यह बयान अपराधियों का समर्थन करने की मानसिकता को दर्शाता है, जबकि पीड़ितों के प्रति उनके मन में सहानुभूति नहीं है। कानून बुरा नहीं है, लोगों क...