राजनीति में बदल रहे नैतिकता के मायने
- सुरेश हिन्दुस्थानी
भारतीय राजनीति में ऐसे कई उदाहरण दिए जा सकते हैं, जो आज भी नैतिकता के आदर्श हैं। लेकिन आज की राजनीति को देखकर ऐसा लगने लगा है कि नैतिकता की राजनीति दूसरा तो अवश्य करें, पर जब स्वयं को नैतिकता की कसौटी पर परखने की बारी आए तब नैतिकता के मायने बदल दिए जाते हैं। भारतीय राजनीति में राजनेताओं पर आरोप लगने पर कई लोगों ने अपने पद को त्याग दिया था, जबकि दिल्ली के शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भारतीय राजनीति को अलग राह पर ले जाने का उदाहरण पेश किया है। इस उदाहरण को आदर्श वादिता के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं। यह एक मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले व्यक्ति के लिए शोभनीय नहीं हैं। केजरीवाल स्वयं कहते थे कि वे राजनीति में भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए आए हैं, लेकिन अब जब उन पर ही सवाल उठ रहे...