Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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हालात तो सुधरे हैं 370 की समाप्ति के बाद

हालात तो सुधरे हैं 370 की समाप्ति के बाद

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- डॉ. प्रभात ओझा शनिवार, 05 अगस्त को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के चार साल पूरे हो रहे हैं। इसी दौरान इस कार्यवाही के औचित्य पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। कांग्रेस के नेता रहे और अब राज्यसभा में निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल की दलील है कि संविधान सभा को ‘ओवरलुक’ कर ऐसा करना ठीक नहीं कदम नहीं था। कोर्ट का यह प्रश्न गंभीर है कि संविधान सभा नहीं होने की स्थिति में यह कैसे हो। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला उम्मीद करते हैं कि कोर्ट से न्याय मिलेगा। स्वाभाविक है कि उनके लिए ‘न्याय’ का आशय राज्य में 370 की बहाली है। कोर्ट से बाहर जम्मू-कश्मीर की धरती से आ रही खबरों की पड़ताल देश को सुकून देती है। अभी चार महीने पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राज्य में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के पहले प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया था। यूएई स्थित एमआर ग्रुप के 500 करो...
जम्मू-कश्मीर में शांति का सूर्योदय

जम्मू-कश्मीर में शांति का सूर्योदय

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- मृत्युंजय दीक्षित जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए हटाए जाने के कल (शनिवार) चार वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। राष्ट्र इसके महत्वपूर्ण परिणाम की व्यापक अनुभूति कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां शांति और विकास का एक नया युग प्रारम्भ हुआ है। श्रीनगर में जी -20 की बैठकें बहुत ही शांत व सुरम्य वातावरण में संपन्न हुई हैं। चीन और पाकिस्तान ने जी -20 की बैठकों में खलल डालने का हर संभव प्रयास किया किंतु वह नाकाम रहे। स्वतंत्रता के बाद श्रीनगर में पहली बार कोई अंतरराष्ट्रीय आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह जम्मू-कश्मीर ही नहीं संपूर्ण भारत के लिए गर्व के पल रहे। जम्मू-कश्मीर में पर्यटन उड़ान भर रहा है। उत्तरी कश्मीर का बांदीपोर जिला पर्यटन के नए केंद्र के रूप में पहचान बना रहा है। यहां वुलर झील के किनारे स्थित जुरीगंज हो या फिर गुलाम कश्मीर और जम्मू-कश्मीर को अलग करने वाली निय...
कश्मीर में आतंकियों के ‘यारों’ पर अब चले तलवार

कश्मीर में आतंकियों के ‘यारों’ पर अब चले तलवार

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- मुकुंद सालों साल तक आतंकवाद से बेजार रही कश्मीर घाटी में हालात अब पहले से बेहतर हुए हैं। यह सरकार और अमनपसंद लोगों के लिए सुखद तस्वीर है। केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 समाप्त करने के बाद स्थिति में सुधार आया है। बहुत हद तक आतंकवाद का फन कुचलने में भी मदद मिली है। इससे आतंकवाद का आका पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। अब उसने और पाकिस्तान की सरजमीं पर ही सक्रिय आतंकी संगठनों ने अपना फोकस ओवर ग्राउंड वर्कर पर किया है। इनको दहशतगर्दों की मदद के साथ सरहदपार से भेजे जाने वाली ड्रग्स की खेप को खपाने का जिम्मा सौंपा गया है। ऐसा नहीं है कि पड़ोसी मुल्क की इस रणनीति की जानकारी भारत सरकार को नहीं है। भारतीय सुरक्षाबल लगातार ओवर ग्राउंड वर्कर्स को दबोचकर आतंकवाद की रीढ़ की हड्डी तोड़ रहे हैं। मोदी सरकार नौ साल से लगातार आतंकवाद पर प्रहार कर रही है। ऐसा कोई दिन शायद ही गुजरता हो, जब ओवर ग्राउंड वर्कर को दबो...

कश्मीर में जम्हूरियत की नई भोर

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- प्रो. श्याम सुंदर भाटिया केंद्र सरकार ने जम्मू -कश्मीर के लाखों गैर कश्मीरियों को अमृत महोत्सव का अनमोल तोहफा दिया है। अनुच्छेद 370 और 35ए की विदाई के बाद लोकतांत्रिक तौर पर बड़ा क्रांतिकारी बदलाव होने जा रहा है। केंद्र शासित इस सूबे में परिसीमन के बाद नॉन कश्मीरियों को वोटिंग का हक मिलने जा रहा है। नए वोटर्स लिस्टेड होने के बाद घाटी में तकरीबन 25 लाख मतदाताओं का इजाफा हो जाएगा। मौजूदा वोटर्स में करीब एक तिहाई मतदाता और बढ़ जाएंगे। वोटर्स का यह आंकड़ा करीब एक करोड़ या इससे से अधिक हो जाएगा। नए चुनाव के बाद केंद्र शासित सूबे की सियासी तस्वीर बिल्कुल जुदा होने का अनुमान है, लेकिन गैर कश्मीरियों को वोटिंग देने का अधिकार इस सूबे के सियासीदानों को एकदम हजम नहीं हो रहा है। प्रमुख दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद लद्दाख अब इस केंद्र शासित प्रदेश में होन...