राधाकृष्णन जयंती पर फिर उठेंगे ‘वही’ सवाल
- डॉ. रामकिशोर उपाध्याय
पांच सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर होने वाले समारोहों (शिक्षक दिवस) में सारा देश उन्हें याद करेगा। उन्होंने 05 दिसंबर, 1953 को दिल्ली विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा था-'देश की योग्यतम प्रतिभाओं को शिक्षक-व्यवसाय में खींचने का हर संभव प्रयत्न किया जाना चाहिए।' क्या आज समाज की योग्यतम प्रतिभाएं इस ओर आकृष्ट हो रही हैं ? क्या कारण हैं कि महंगे कॉन्वेंट विद्यालयों में शिक्षित और कोटा, दिल्ली आदि में लाखों रुपये देकर इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थी समस्त विकल्प समाप्त होने पर ही शिक्षक बनना पसंद करते हैं । नई पीढ़ी शिक्षक के रूप में करियर बनाने के प्रति अधिक आकर्षित क्यों नहीं नहीं है ?
बेरोजगारी की मार से कराहते हुए उच्च शिक्षित भले ही भृत्य की नौकरी करने के लिए विवश और तत्पर हों किन्तु किसी समय में सम...