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स्त्रियों के लिए समान दृष्टिकोण जरूरी: नमिता गोखले

स्त्रियों के लिए समान दृष्टिकोण जरूरी: नमिता गोखले

देश, मध्य प्रदेश
- अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' का समापन, अंतिम दिन 23 कार्यक्रमों में 160 साहित्यकारों ने लिया भाग भोपाल (Bhopal)। प्रख्यात लेखिका और प्रकाशक नमिता गोखले (Namita Gokhale) ने कहा कि सही मायने में नारीवाद का मतलब (meaning of feminism) सभी के लिए समान दृष्टि (common vision for all) होना है। उन्होंने प्राचीन काल से महिलाओं द्वारा लिखे साहित्य की चर्चा करते हुए कहा कि लेखन की परंपरा (tradition of writing) आज भी जारी है। वक्ता सी. मृणालिनी ने नारी साहित्य की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा कि इस साहित्य ने नारी स्वतंत्रता के नए द्वार खोले हैं। नमिता गोखले राजधानी भोपाल में आयोजित चार दिवसीय एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव 'उन्मेष' के अंतिम दिन नारीवाद और साहित्य विषय पर महत्वपूर्ण सत्र की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रही थीं। रविवार को इस उत्सव में अंतिम दिन कुल 2...
सहायक प्रौद्योगिकी पर भारत का दृष्टिकोण और क्षमता

सहायक प्रौद्योगिकी पर भारत का दृष्टिकोण और क्षमता

अवर्गीकृत
- राजेश अग्रवाल सहायक प्रौद्योगिकी (एटी) अर्थात ऐसा कोई भी उत्पाद या सेवा, जिसके माध्यम से दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी) अथवा इस तरह की किसी भी स्वास्थ्य स्थितियों का सामना कर रहे लोगों को मुख्यधारा में शामिल होने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए दैनिक गतिविधियों का निर्वहन करने में सहायता की जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ द्वारा मई 2022 में सहायक प्रौद्योगिकी पर जारी की गई पहली वैश्विक रिपोर्ट (जीआरईएटी) के अनुसार, दुनिया में 2.5 बिलियन से अधिक लोगों को एक अथवा अधिक सहायक उत्पादों की आवश्यकता होती है। भारत में, 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 26.8 मिलियन लोग दिव्यांग हैं और यह उनके लिए सहायक प्रौद्योगिकी की आवश्यकता को दर्शाता है। भारत में दिव्यांगजनों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य देखभाल तक सीमित पहुंच शामिल है। इसके अलाव...