Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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विद्यार्थियों में तनाव और चिंता का कारण बनती प्रश्नपत्र लीक की बढ़ती घटनाएं

विद्यार्थियों में तनाव और चिंता का कारण बनती प्रश्नपत्र लीक की बढ़ती घटनाएं

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- प्रियंका सौरभ जब किसी प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होता है तो परीक्षार्थियों के साथ परिजनों के भी सपने भी चकनाचूर होते हैं। ऐसी घटनाओं से एक उन्नत, समृद्ध, सुशिक्षित एवं सशक्त राष्ट्र एवं समाज बनने-बनाने का हमारा सामूहिक स्वप्न और मनोबल टूटता है। इससे युवाओं के भीतर व्यवस्था के प्रति असंतोष एवं निराशा की स्थायी भावना घर करती है, शासन के प्रति अविश्वास बढ़ता है और व्यवस्था से आमजन का मोहभंग होता है। नौजवानों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं न केवल उज्ज्वल भविष्य का, अपितु कई बार अस्तित्व का भी प्रश्न बन जाती हैं। इसके साथ ही सरकार की विश्वसनीयता संकट में पड़ती है। प्रश्नपत्र लीक करवाने के मामले में कई बार बड़े-बड़े कोचिंग केंद्रों एवं संचालकों की भी संलिप्तता पाई जाती है। नकल आज एक देशव्यापी कारोबार बनता जा रहा है, जिसके कई लाभार्थी और अंशधारक हैं। नेता से लेकर अधिकारी तक, प्रश्नपत्र निर...

दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तान की चिंता अमेरिकी हथियार

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- आरके सिन्हा पड़ोसी देश पाकिस्तान की प्राथमिकताएं कभी-कभी हैरान करती हैं। जो देश फिलहाल अपने अब तक के इतिहास की सबसे भयानक बाढ़ से हुई तबाही को झेल रहा है, उसे इस समय बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने की तनिक भी चिंता नहीं है। चिंता होती तो इस समय वह अमेरिका से एफ-16 लड़ाकू विमानों की डील को अंतिम रूप देने के लिये उतावलापन न दिखा रहा होता। अमेरिका ने एफ-16 विमान कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान को 45 करोड़ डॉलर की मदद देने का ऐलान किया है। जाहिर है इस राशि से बाढ़ के पानी में लाखों बह गए घर बन जाते और बेबस लोगों को मदद पहुंचाई जा सकती थी। पर पाकिस्तान के हुक्मरानों की प्राथमिकता तो कुछ और ही हैं। वहां पर सब अहम फैसले लंबी-लंबी मूछों वाले फौजी जनरल ही लेते हैं। जिनकी उपलब्धि टके भर की भी नहीं होती है। उन्होंने देश को भुखमरी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। आज उनकी गलत नीतियों और भ्रष्ट आचरण ने प...

चिंता का सबब बनती आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति

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- योगेश कुमार गोयल राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2021 में भारत में विभिन्न कारणों से आत्महत्याओं के मामलों को लेकर जो रिपोर्ट जारी की, वह बेहद डरावनी है। दरअसल देश में आत्महत्या के मामलों में हर साल बढ़ोतरी हो रही है और रिपोर्ट के मुताबिक हर रोज देशभर में 450 व्यक्ति आत्महत्या करते हैं। आत्महत्या के ये आंकड़े डराने वाले इसलिए भी हैं क्योंकि जहां वर्ष 2021 में पूरे देश में हुए करीब 4.22 लाख सड़क हादसों में कुल 1.73 लाख लोगों की मौत हुई, वहीं कम से कम 164033 लोगों ने तो आत्महत्या करके ही अपनी जीवनलीला समाप्त कर डाली। समाज विज्ञान के जानकारों के अनुसार बढ़ती महंगाई तथा आम आदमी की लगातार घटती कमाई आत्महत्या के मामले बढ़ने का प्रमुख कारण है। दरअसल कमाई कम होने या रोजगार नहीं होने के कारण लोगों में तनाव बहुत बढ़ गया है, जिससे बहुत से मामलों में पारिवारिक क्लेश पैदा होता है ...