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नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का देशविरोधी घोषणा पत्र

नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का देशविरोधी घोषणा पत्र

अवर्गीकृत
- डॉ.आशीष वशिष्ठ जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पहली बार इस केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव करीब एक दशक के बाद होने जा रहे हैं। साल 2019 में केंद्र सरकार ने विशेष दर्जा खत्म कर जम्मू-कश्मीर को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। लद्दाख को भी अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे। जम्मू-कश्मीर में बीते दो दशकों में इस बार का चुनाव सबसे कम समय में कराया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के आखिरी चुनाव साल 2014 में हुए थे। साल 2018 में भाजपा और पीडीपी के गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी। उस वक्त आपसी मतभेद के चलते भाजपा ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस ले लिया था। सरकार गिरने के बाद जम्मू-कश्मीर करीब छह साल तक केंद्र सरकार के शासन में रहा। जम्मू-कश्मीर चुनाव के मद्देनजर नेशनल कॉन्फ्...
किसे नामंजूर है यूनिफॉर्म सिविल कोड?

किसे नामंजूर है यूनिफॉर्म सिविल कोड?

अवर्गीकृत
- आर.के.सिन्हा आप देख ही रहे होंगे कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी 'समान नागरिक संहिता' को लागू करने की कोशिशें फिर से शुरू होते ही कठमुल्ला मुसलमान और कई तरह के राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी तत्व लामबंद होने लगे हैं। वे कहने लगे हैं कि वे इस कानून को कतई स्वीकार नहीं करेंगे। इसके साथ ऐसे लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं जो कुछ वर्षों से दलित-मुस्लिम एकता के बड़े पैरोकार होने का दावा करते हैं। अब उन्हें यह कौन बताए कि बाबा साहेब आम्बेडकर ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को देश के लिये निहायत जरूरी बताया था। बाबा साहेब ने 23 नवंबर 1948 को संविधान सभा की बहस में यूनिफॉर्म सिविल कोड के हक में जोरदार भाषण दिया था । जो मुसलमान मुस्लिम पर्सनल लॉ के लिए मरने-मारने की बातें कर रहे हैं, उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्हें शरीयत कानून इतना ही प्रिय है तो वे बैंकों से मिलने वाले ब्याज को क्यों लेते हैं। इस्लाम में तो...