श्रीराम मंदिर सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अमृतकाल
- श्याम जाजू
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का पुनर्निर्माण और प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा मात्र एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण और अभ्युदय का अमृतकाल है। सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि से भरे हमारे देश में सांस्कृतिक धरोहर हमारी पहचान है। धर्म, भाषा, रूपरेखा, शैली और विविध संस्कृतियों और जीवन शैलियों के बाद भी भारत एक है। उसकी आत्मा एक है। हम सब एक-दूसरे से अपनी सांस्कृतिक पहचान से जुड़े हुए हैं। इसी जुड़ाव को बढ़ाने की दिशा में प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर हमें अपनी साझी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को अक्षुण्ण रखने में मदद देगा।
श्रीराम भारतीय संस्कृति के प्रेरणा पुरुष हैं। एक आदर्श राजा, आदर्श पुत्र, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श मित्र हैं। हम भारतीय जिन सात्विक मानवीय गुणों को सदियों से पू...