Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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नये बजट में शिक्षा के लिए प्रावधान नाकाफी हैं

नये बजट में शिक्षा के लिए प्रावधान नाकाफी हैं

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- गिरीश्वर मिश्र भारत का वर्ष 23-24 का राष्ट्रीय बजट अमृत-काल में प्रस्तुत हुआ पहला बजट है। इस अवसर का लाभ लेते हुए सरकार ने इसे भविष्य के शक्तिशाली और समर्थ भारत की आधारशिला के रूप में पेश किया है। इसके अंतर्गत जीवन के सभी क्षेत्रों की जरूरतों को स्पर्श करते हुए संसाधन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। उथल-पुथल के वर्तमान दौर में वैश्विक स्तर पर आर्थिक दृष्टि से आत्म विश्वास से भरी एक बड़ी हैसियत बनती भारत की अर्थव्यवस्था निश्चय ही चकित करने वाली है। इस परिवर्तन को देख-सुन सभी भारतवासी खुश दिख रहे हैं। ‘विकासशील’ की श्रेणी से निकल कर ‘विकसित’ देशों की श्रेणी में पहुँचने के लिए बड़ी छलांग की तैयारी इस बजट में साफ़ झलक रही है। सबको संतुष्ट करने की चेष्टा के साथ गरीब, मध्य वर्ग, अमीर, किसान, व्यापारी, सरकारी मुलाजिम हर किसी की झोली में कुछ न कुछ पहुँचाने की क़वायद इस बजट की एक बड़ी खूबी ह...

भारत के आगामी 25 वर्ष और अमृत काल

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- डॉ. दिलीप अग्निहोत्री स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के अमृत महोत्सव के बाद अब भारत के आगामी 25 वर्षों के लिए तय किए गए अमृत काल पर चर्चा शुरू हो गई है। अमृत महोत्सव के दौरान नई पीढ़ी में स्वतंत्रता संग्राम के प्रसंगों से नई ऊर्जा का संचार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि ने इसे घर-घर पहुंचा दिया। इसमें आत्मनिर्भर भारत और विकास के अनेक पहलू दिखे। डिजिटल इंडिया अभियान के सप्तरंग भी सजे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अमृत महोत्सव को व्यापक अवसर के रूप में स्वीकार किया। उनकी सरकार ने इस अवधि में अनेक उल्लेखनीय कार्य किए। हर घर तिरंगा अभियान जनान्दोलन के रूप दिखा। विधानसभा भवन भी इसकी अभिव्यक्ति कर रहा हैं। ई कार्यवाही की व्यवस्था ने इसमें चार चांद लगा दिए।उत्तर प्रदेश विधानसभा ने पांच वर्षों में अभिनव प्रयोग किए है। दो वर्ष पहले पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गय...