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वैश्‍विक संकेत : अमेरिकी बादशाहत का अंत निकट तो नहीं

वैश्‍विक संकेत : अमेरिकी बादशाहत का अंत निकट तो नहीं

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- प्रहलाद सबनानी अमेरिका विश्व के लगभग समस्त देशों पर अपनी चौधराहट सफलतापूर्वक लागू करता रहा है। पूरे विश्व में, एक तरह से लगभग समस्त क्षेत्रों में, विभिन्न प्रकार की नीतियों को प्रभावित करने में अमेरिका सफल रहा है एवं इस प्रकार अपनी प्रसारवादी नीतियों को भी लागू करता रहा है। परंतु, हाल ही के वर्षों में अमेरिका की आंतरिक स्थिति, लगभग समस्त क्षेत्रों यथा आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि में लगातार बिगड़ती जा रही है। अमेरिका सहित विकसित देशों की, आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में, आंतरिक स्थिति को देखते हुए अब तो पश्चिमी सभ्यता पर ही प्रश्नचिन्ह लगने लगे हैं। अमेरिका सहित अन्य विकसित देशों में आर्थिक विपन्नता एवं परिवार तथा समाज के खंड-खंड होने के बाद पश्चिमी सभ्यता को पतित सभ्यता कहा जाने लगा है और इसे अब अमेरिकी बादशाहत के अंत की शुरुआत भी माना जाने लगा है। अमेरिका में तो राष्ट्रीय ऋण 35 लाख...
एथलेटिक्स: अमेरिकी धावकों ने यूजीन में डिस्टेंस मेडले रिले का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया

एथलेटिक्स: अमेरिकी धावकों ने यूजीन में डिस्टेंस मेडले रिले का नया विश्व रिकॉर्ड बनाया

खेल
नई दिल्ली (New Delhi)। ब्रैनन किडर (Brannon Kidder), ब्रैंडन मिलर (Brandon Miller), यशायाह हैरिस (Isaiah Harris) और हेनरी वाईन (Henry Wynne) ने मिलकर अमेरिका के यूजीन (Eugene, USA) में ओरेगॉन रिले (Oregon Relays) में 9:14.58 सेकंड का डिस्टेंस मेडले रिले विश्व रिकॉर्ड (Distance Medley Relay World Record) बनाया। डिस्टेंस मेडले रिले में 1200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर और 1600 मीटर के चरण शामिल हैं। शुक्रवार को मिलर ने 400 मीटर के लिए 46.60 रन बनाने से पहले किडर ने 2:49.60 के अपने 1200 मीटर लेग के साथ शुरुआत की। किडर ने शुक्रवार को 2:49.60 सेकंड के साथ अपने 1200 मीटर लेग के साथ शुरुआत की। इससे पहले मिलर ने 400 मीटर रेस 46.60 सेकंड में पूरी की। विश्व एथलेटिक्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार, हैरिस ने 800 मीटर के लिए 1:45.75 सेकंड का समय निकाला, वहीं विने अंतिम 1600 मीटर चरण के लिए 3:52.64 ...
भारत को जबरदस्त अमेरिकी छूट

भारत को जबरदस्त अमेरिकी छूट

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- डॉ. वेदप्रताप वैदिक जब भारतीय मूल के नागरिक विदेशों में राज-काज के हिस्सेदार होते हैं तो वे कैसा चमत्कार कर देते हैं। आजकल ऋषि सुनाक के ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने की बात तो चल ही रही है लेकिन अमेरिका के प्रतिनिधि सदन (लोकसभा) के एक भारतीय सदस्य ने वह काम कर दिखाया है, जो असंभव सा लगता था। रो खन्ना नामक सदस्य ने अमेरिका के राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम को भारत पर लागू होने से रुकवा दिया। यह अधिनियम चीन, उत्तरी कोरिया, ईरान आदि देशों पर बड़ी कड़ाई के साथ लागू किया जा रहा है। इस प्रतिबंध को ‘काट्सा’ कहा जाता है। इसके मुताबिक जो भी राष्ट्र रूस से हथियार आदि खरीदता है, उससे अमेरिका किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं करेगा। तुर्की पर भी काफी दबाव पड़ रहा है, क्योंकि वह रूसी प्रक्षेपास्त्र खरीदना चाहता है। जहां तक भारत का सवाल है, रूस तो भारत को सबसे बड़ा हथियार और सामरिक सामान का विक्रेता है। ...