भारत में नागरिक विमानन के क्षेत्र में हो रही है चंहुमुखी प्रगति
- प्रहलाद सबनानी
प्राचीन भारत का इतिहास गवाही दे रहा है कि लगभग 500 वर्ष पूर्व भी भारत का सकल घरेलू उत्पाद में वैश्विक स्तर पर लगभग 25 प्रतिशत का योगदान था एवं विदेशी व्यापार में भी भारत विश्व में प्रथम स्थान पर था। परंतु अरब आक्रांताओं एवं ब्रिटेन के शासन काल में भारत की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई एवं राजनैतिक स्वतंत्रता प्राप्त करते समय तक यह रसातल तक पहुंच चुकी थी। वर्ष 1947 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने पुनः सम्भलना शुरू किया एवं वर्ष 2014 के बाद से तो भारत ने आर्थिक विकास के मामले में तेज रफ्तार पकड़ ली है।
भारत में प्राचीन काल में अधिकतर व्यापार समुद्रीय मार्ग के माध्यम से होता रहा है। 1000 वर्ष पूर्व भी भारत का समुद्री मार्ग विकसित अवस्था में था एवं यह दक्षिणी अफ्रीका तथा यूरोप के देशों के साथ जुड़ा हुआ था। साथ ही, लगभग 500 वर्ष पूर्व भारत में जी.टी. रोड का निर्माण हो चुक...