नई संसदः सर्वधर्म प्रार्थना का संदेश जाएगा दूर तक
- आर.के. सिन्हा
देश को एक नई, भव्य और गरिमामय संसद की इमारत मिल गई। इसका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उदघाटन किया। लेकिन, इस बात का दुःख भी होता है पूर्व प्रधानमंत्रियों ने अंग्रेजों की गुलामी के इस संसद को बदलने की जरूरत है, इसपर सोचा तक नहीं, ऐसा क्यों ? उनके उद्घाटन करने से पहले सर्वधर्म प्रार्थना सभा आयोजित हुई। यह भारत ही है जहां पर सर्वधर्म प्रार्थना सभा के विचार को आत्मसात किया गया है। महात्मा गांधी ने अपनी सभाओं में सर्वधर्म प्रार्थना सभाओं का श्रीगणेश करवाया था। नई संसद के उद्घाटन से पूर्व भारत के सभी प्रमुख धर्मों के विद्वानों ने अपने-अपने धर्मों की पवित्र पुस्तकों के कुछ अंशों को पढ़ा। जिसने भी नई संसद परिसर में प्रार्थना सभा के कार्यक्रम को देखा तो उसका ह्रदय गदगद हो गया। हिन्दू धर्म के विद्वान डॉ. बलदेव आनंद सागर ने गीता के 5-6 श्लोकों को भी पढ़ा । वे गांधी जयंती पर होने वाल...