Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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सारे तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार

सारे तीरथ बार-बार, गंगासागर एक बार

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- रमेश सर्राफ धमोरा गंगासागर में मकर संक्रांति पर प्रतिवर्ष विशाल मेला आयोजित होता है। इस दौरान दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु यहां स्नान के लिए पहुंचते हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य देव के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते ही तीर्थयात्री पवित्र संगम पर डुबकी लगाते हैं। गंगासागर में मकर संक्रांति के दिन स्नान करने का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन गंगासागर में जो श्रद्धालु एक बार स्नान करता है उसे 10 अश्वमेध यज्ञ और एक हजार गाय दान करने का फल मिलता है। गंगासागर की तीर्थयात्रा सैकड़ों तीर्थयात्राओं के समान मानी जाती है। भारत में सबसे पवित्र गंगा नदी गंगोत्री से निकल कर पश्चिम बंगाल में सागर से मिलती है। गंगा का जहां सागर से मिलन होता है उस स्थान को गंगासागर कहते हैं। इस स्थान को सागरद्वीप के नाम से भी जाना जाता है। कुंभ मेले को छोड़कर देश में आयोजित होने वाले अन्य सभी मेलों म...
माता-पिता में बसते हैं समस्त तीर्थ

माता-पिता में बसते हैं समस्त तीर्थ

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- डॉ. सौरभ मालवीय आज के युग में उन्नति का अर्थ केवल धनोपार्जन से लिया जा रहा है अर्थात जो व्यक्ति जितना अधिक धन अर्जित कर रहा है, वह उतना ही सफल माना जा रहा है। मनुष्य की उन्नति की इस परिभाषा ने पारिवारिक संबंधों से मान-सम्मान ही समाप्त कर दिया है। माता-पिता बड़े लाड़-प्यार से अपने बच्चों का लालन-पालन करते हैं। उन्हें उच्च शिक्षा दिलाने के लिए यथासंभव प्रयास करते हैं। बच्चे बड़े एवं शिक्षित होकर माता-पिता को छोड़कर दूर महानगरों अथवा विदेशों में जाकर रहने लगते हैं। ऐसी स्थिति में असहाय वृद्ध माता-पिता अकेले रह जाते हैं। ऐसे लोग भी बहुत हैं, जो एकल परिवार चाहते हैं। वे अपने वृद्ध माता-पिता को वृद्धाश्रम में डाल देते हैं। ऐसे समाचार भी सुनने को मिलते रहते हैं कि वृद्धों को उनके ही बच्चों द्वारा मारा-पीटा जा रहा है। उन्हें भरपेट भोजन नहीं दिया जाता तथा अस्वस्थ होने पर उनका उपचार नहीं भी करवाया जा...