प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ और नव जागरण
- मृत्युंजय दीक्षित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' ने अपनी 100 कड़ियां सफलतापूर्वक पूर्ण कर इतिहास रच दिया। यह आकाशवाणी के इतिहास का ऐसा कार्यक्रम बना जिसमें प्रधानमंत्री ने आम जनता से सीधा संवाद किया और इसे राजनीति से पृथक रखा। यह एक सुखद अनुभव है कि 'मन की बात' भारत में बदलाव का बड़ा संवाहक बना। भारतीय समाज को निराशा और अंधकार से निकालने में मदद दी। विकास और प्रगति को नए पंख दिए। 'मन की बात' से भारत की सांस्कृतिक विरासत पुनर्जीवित हुई।भूली परम्पराएं फिर याद आईं। हिंदू सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का पुनर्जागरण हुआ।
जैसे दूरदर्शन के इतिहास में रामायण धारावाहिक संपूर्ण भारत में लोगों को घरों में टीवी सेट के सामने बैठा देता था, वैसे ही आज हर माह के अंतिम रविवार को लोग 'मन की बात' को सुनने के लिए बैठ जाते हैं। ऐसा नहीं है कि 'मन की बात' को केवल मोदी समर्थक ही सुन...