Friday, November 22"खबर जो असर करे"

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डेंगू से बचाव के लिए रहें अलर्ट

डेंगू से बचाव के लिए रहें अलर्ट

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- योगेश कुमार गोयल डेंगू वैसे तो प्रतिवर्ष खासकर बारिश के मौसम में लोगों पर कहर बनकर टूटता है लेकिन कुछ राज्यों में इसके कारण महामारी जैसे हालात नजर आने लगे हैं और सैंकड़ों लोगों की मौत भी होती है। इसीलिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष लोगों में डेंगू को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से 16 मई को ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ मनाया जाता है। हालांकि डेंगू की दस्तक तो हर साल सुनाई पड़ती है किन्तु हर तीन-चार वर्ष के अंतराल पर डेंगू एक महामारी के रूप में उभरकर सामने आता है और तभी हमारी सरकारें तथा स्थानीय प्रशासन कुम्भकर्णी नींद से जागते हैं। प्रतिवर्ष मानसून के बाद देशभर में डेंगू के कई हजार मामले सामने आते हैं। डेंगू की दस्तक के बाद डॉक्टरों व प्रशासन द्वारा आम जनता को कुछ हिदायतें दी जाती हैं लेकिन डॉक्टर व प्रशासन इस मामले में खुद कितने लापरवाह रहे हैं, इसका उदाहर...
पाकिस्तान में उथल-पुथल, भारत रहे चौकस

पाकिस्तान में उथल-पुथल, भारत रहे चौकस

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- आर.के. सिन्हा पाकिस्तान में बीती 8 फरवरी को हुए आम चुनाव के बाद देश में जो एक राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद थी, वह फिलहाल तो पूरी तरह खत्म हो गई हैं। पाकिस्तान, जिसकी नियति ही हो गई है हमेशा संकट में रहना I अब तो वह अराजकता की चपेट में है और भारी मुश्किल की स्थिति में दिखाई दे रहा है। हालांकि लंबी कवायद के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग ( नवाज) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने देश में मिल कर सरकार बनाने का फैसला कर लिया है। फिलहाल राजनीतिक विश्लेषकों, पत्रकारों और आमजन को कुछ समझ नहीं आ रहा कि देश किस दिशा में जा रहा है। हर कोई अनभिज्ञ सा ही दिख रहा है। चुनाव के नतीजों ने पाकिस्तानी सेना के मोटी तोंद वाले जनरलों को उनकी औकात दिखा दी है। उनके लाख चाहने के बावजूद नवाज शरीफ की मुस्लिम लीग को जनता ने बहुमत नहीं दिया। नवाज शरीफ लंदन से इसी उम्मीद में पाकिस्तान वापस आए थे कि उन्हें फिर से पाकिस्तान का...
निपाह से निपटने की चुनौती

निपाह से निपटने की चुनौती

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- योगेश कुमार गोयल केरल में निपाह के बढ़ते खतरे को देखते हुए अन्य राज्यों को भी अलर्ट किया जा चुका है। दरअसल इस वायरस के बारे में कहा जा रहा है कि इस संक्रमण के कारण मृत्यु दर बहुत ज्यादा है। राज्य में सामने आए छह निपाह मरीजों में से दो की मौत चुकी है और केरल की स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक फिलहाल संक्रमित व्यक्तियों की सम्पर्क सूची में सैंकड़ों स्वास्थ्यकर्मियों सहित एक हजार से भी अधिक लोग हैं, जिनमें सैंकड़ों उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं। निपाह संक्रमण के बारे में आईसीएमआर का कहना है कि कोविड में जहां मृत्युदर महज दो-तीन प्रतिशत थी, वहीं निपाह में संक्रमित लोगों की मृत्यु दर 40-70 प्रतिशत है। केरल में निपाह वायरस की जांच के लिए कुछ लोगों के सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) भेजे गए हैं और एनआईवी के सीरो सर्वे में पता चला है कि वायरस दूसरे राज्यों तक पहुंच रहा है। एनआई...