अखण्ड रामायण है भारत का राष्ट्र जीवन
- हृदयनारायण दीक्षित
रामचरितमानस विश्वकाव्य की अमूल्य निधि है। रामचरितमानस में प्रगतिशील काव्य सृजन के भी गुण हैं। भारत में भिन्न भिन्न विषयों पर अनेक ग्रंथ प्राचीनकाल से ही लिखे जा रहे हैं। लेकिन जीवन के सभी पहलुओं को समेटते हुए तुलसी की रामकथा सामान्य जनों में भी लोकप्रिय है। पुरोहित का काम राष्ट्रजागरण है। वेदों में कहा गया है - राष्ट्रे जाग्रयाम, वयं पुरोहितः। रामचरितमानस में आदर्श राज समाज के स्वप्न हैं। रामकथा में आदर्श राज्य की कल्पना भी है। राज्य के अनेक मॉडल बताए जाते हैं। मार्क्सवादी राज्य का मॉडल अलग है। समाजवादी राज्य की कल्पना भी अलग है। राज्य का एक मॉडल इस्लामी भी था। यह साम्प्रदायिक था। गैर मुस्लिमों के साथ भेदभाव वाला था। लेकिन रामराज्य की बात दूसरी है। संप्रति कुछ राजनेता मध्यकाल की सुंदर रचना रामचरितमानस पर घटिया ढंग से आक्रामक हैं। वह समाजवाद की बात करते हैं। वह रामचरित...