नेताजी जीवित होते तो देश का बंटवारा न होने देते
- आर.के. सिन्हा
क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस जीवित होते तो पाकिस्तान कभी बन पाता? यह बहस लंबे समय से चल रही है। इस विषय पर इतिहासकारों और विद्वानों में मतभेद भी रहे हैं। अब इस बहस में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने हाल ही में कहा कि "अगर नेताजी सुभाषचंद्र बोस जिंदा होते तो भारत का बंटवारा नहीं होता।” क्या वे मोहम्मद अली जिन्ना को समझा पाते कि भारत के बंटवारे से किसी को कुछ लाभ नहीं होगा? यह सवाल अपने आप में काल्पनिक होते हुए भी महत्वपूर्ण हैं।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जीवनकाल में ही अखिल भारतीय मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान का प्रस्ताव पारित किया था। जिन्ना ने 23 मार्च, 1940 को लाहौर के बादशाही मस्जिद के ठीक आगे बने मिन्टो पार्क में जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी घनघोर सांप्रदायिक सोच को प्रकट कर दिया था। जिन्ना ने सम्मेलन में अपने दो घंटे लंबे बेहद आक्रामक भ...