Saturday, November 23"खबर जो असर करे"

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देश में मिलावट का कारोबार चरम पर

देश में मिलावट का कारोबार चरम पर

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- राकेश दुबे भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान के माध्यम से सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित, स्वस्थ और पोषक भोजन सुनिश्चित करने के लिए देश की खाद्य प्रणाली को बदलने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास शुरू किया है। खाने-पीने के शौकीन अथवा महानगरों में नौकरी आदि के चलते कम मूल्य लागत वाला भोजन तलाशने वाले भारतीयों के लिए यह अनिवार्य हो जाता है कि स्वाद एवं सस्ते के चक्कर में न पड़कर स्वच्छता मानकों एवं साफ-सफाई को अपनी सेहत के दृष्टिगत स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन को अपनी प्राथमिकता में रखें। भारत में बढ़ती आबादी के कारण और मांग एवं आपूर्ति में अंतर के चलते प्राय: खाद्य वस्तुओं की किल्लत और दामों में बढ़ोत्तरी होती ही रहती है और इसी किल्लत का फायदा जमाखोरों की टोलियां उठाने से नहीं चूकती हैं, तो वहीं घटिया एवं मिलावटी चीजें बेचने वालों की पौ-बारह हो जाती है। भारत में इन ...
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवसः बड़ी शुरुआत, बड़ा फायदा

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवसः बड़ी शुरुआत, बड़ा फायदा

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- योगेश कुमार गोयल जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, नाप-तोल में गड़बड़ी, मनमाने दाम वसूलना, बगैर मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, सामान की बिक्री के बाद गारंटी अथवा वारंटी के बावजूद सेवा प्रदान नहीं करना इत्यादि समस्याओं से ग्राहकों का सामना अक्सर होता रहता है। ऐसी ही समस्याओं से निजात दिलाने और अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। वास्तव में यह उपभोक्ताओं को उनकी शक्तियों और अधिकारों के बारे में जागरूक करने का एक महत्वपूर्व अवसर है। उपभोक्ता आन्दोलन की नींव सबसे पहले 15 मार्च, 1962 को अमेरिका में रखी गई। 15 मार्च, 1983 से यह दिवस हर साल मनाया जाता है। भारत में उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत मुंबई में वर्ष 1966 में हुई। तत्पश्चात पुणे में 1974 में ग्राहक पंचायत की स्थापना के बाद कई राज्यों में उपभोक्ता कल्याण के लिए संस्थाओं का गठन किया ...