Friday, September 20"खबर जो असर करे"

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शासन-संचालन में आमजन का योगदान और सम्मान दोनों जरूरीः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

शासन-संचालन में आमजन का योगदान और सम्मान दोनों जरूरीः मुख्यमंत्री डॉ. यादव

देश, मध्य प्रदेश
भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि शासन- संचालन में आमजन का योगदान और उनका सम्मान आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में राष्ट्र तेजी से विकास कर रहा है। भारत की शान भी विश्व में बढ़ी है। वसुधैव कुटुम्बकम का भाव भारतीय संस्कृति की विशेषता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को तेलंगाना के कोमुरवेल्ली रेलवे स्टेशन के शिलान्यास समारोह में बतौर विशेष अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी, जनप्रतिनिधि और आमजन उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोमुरवेल्ली प्रवास के दौरान यहां के प्रमुख आस्था केंद्र मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। डॉ. यादव ने कहा कि आज भगवान मल्लिकार्जुन के द...
प्रशासन की लापरवाही से आफत की बरसात

प्रशासन की लापरवाही से आफत की बरसात

अवर्गीकृत
- डॉ. अनिल कुमार निगम विगत कुछ दिनों से देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। अब तक करीब सौ लोगों को मौत हो चुकी है। अनेक पुल पानी के बहाव में बह गए हैं। देश की राजधानी सहित अनेक स्मार्ट शहरों में जल का भारी जमाव हो रहा है। मानसून में बारिश होना पूरी तरह से स्वाभाविक प्रक्रिया है। शहरों और घरों में पानी का सैलाब जो उमड़ रहा है, वह प्राकृतिक आपदा कम बल्कि मानव निर्मित आपदा ज्यादा है। भूजल का संकट झेल रहे भारत में बारिश का पानी अभी भी नालों, नालियों और नदियों में बह रहा है। अधिसंख्य शहरों में ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से पंगु है और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कागजों में चल रहा है। यही कारण है कि तेज बारिश के चलते अरबों रुपये का संपत्ति और लोगों की जान का नुकसान हो चुका है। दिलचस्प बात यह है कि हर प्रदेश सरकार और स्थानीय नगर निकाय वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम और नालों के निर...

शांत हुई चंबल, खतरे के निशान से नीचे आई, ग्रामीणों व प्रशासन ने ली राहत की सांस

देश, मध्य प्रदेश
मुरैना। पांच दिन तक विकराल रूप धारण (take a formidable form) करने के बाद चंबल नदी (Chambal River) अब शांत हो गई है। कोटा बैराज (Kota Barrage) से चंबल नदी में पानी का डिस्चार्ज नहीं किया जा रहा है। जिसका नतीजा चंबल के जल स्तर पर भी देखने को मिला है। शनिवार की शाम को चंबल का जल स्तर (water level) राजघाट पुल पर 136 मीटर था, जो खतरे के निशान से भी दो मीटर कम है। माना जा रहा है कि रविवार तक यह 132 मीटर पर पहुंच जाएगी। उधर चंबल का पानी उतरने पर ग्रामीणों ने तो राहत की सांस ली है साथ ही प्रशासनिक अमले को भी चैन मिला है। हालांकि प्रशासन की असली परीक्षा अब है। क्योंकि जिन गांवों में बाढ़ का पानी पहुंचा था वहां ग्रामीणों के सामने भोजन व पशु चारे का संकट खड़ा हो गया है। बाढ़ ने लोगों के घर में रखे अनाज को तो नष्ट किया ही साथ ही चारे को भी पूरी तरह खराब कर दिया। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित गांवों में बी...

बाढ़ग्रस्त लोग प्रशासन के कहने पर घर से निकलें, रुकने की जिद न करें : शिवराज

देश, मध्य प्रदेश
- मुख्यमंत्री ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे, कहा- ऊफन रही पुल-पुलियों को पार न करें भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता लोगों को बचाना (First priority is saving people) है। पानी उतरते ही हम क्षति का आकलन (damage assessment) करेंगे और प्रभावितों को हर संभव सहायता (all possible help) पहुंचाएंगे। पूरा आकलन करने के बाद युद्ध स्तर पर स्थितियों को ठीक करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों (flood prone areas) की जनता से अपील की कि अगर घर में पानी भरा है तो प्रशासन के कहने पर घर से बाहर निकलें, रुकने की जिद न करें। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पुल-पुलिया से निकलने की जिद नहीं करें। मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वे करने के बाद शाम को स्टेट हैंगर पर मीडिया से बात...