जयंती विशेषः आदिशंकराचार्य- काल निर्धारण एवं कृति
- चंद्रभूषण पाठक
भारतवर्ष देवी-देवताओं के अवतारों की भूमि रही है। ईस्वी सन् 2024 से 2531 वर्ष पूर्व युधिष्ठिर शक संवत् 2631 वैशाख शुक्ल पंचमी, रविवार तदनुसार ईसा पूर्व 507 में भारत की पवित्र भूमि पर केरल राज्य के एर्नाकुलम जिलांतर्गत काल्टी गांव में एक ऐसी महान विभूति का अवतार हुआ, जिनकी प्रसिद्धि विश्व स्तर पर सार्वभौम धार्मिक गुरु आदिशंकराचार्य के रूप में हुई। उनके पिता शिवगुरु एवं माता आर्याम्बा की कोई संतान नहीं थी। उनकी उपासना से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने स्वयं उन्हें उनके पुत्र के रूप में अवतार लेने का वरदान दिया। इसी कारण इनका नाम शंकर रखा गया था।
यह एक विडंबना ही है कि अनेक ग्रंथों तथा घटनाक्रमों के आधार पर शिवावतार भगवत्पाद आदिशंकराचार्य महाभाग का अवतार यद्यपि ईसा पूर्व 507 वर्ष सिद्ध है, तथापि विदेशी षड्यंत्र के अंतर्गत इसे विवादित बना दिया गया। किसी भी देश के इतिहास में उस...