बिहार में जात जोड़ो और भारत तोड़ो
- डॉ . वेदप्रताप वैदिक
1857 के स्वातंत्र्य-संग्राम से घबराए अंग्रेजों ने भारत की एकता को भंग करने के लिए दो बड़े षड़यंत्र किए। एक तो उन्होंने जातीय जनगणना का जाल फैलाया और दूसरा हिंदू-मुसलमान का भेद फैलाया। कांग्रेस और गांधीजी के भयंकर विरोध के कारण 1931 में यह जातीय जनगणना तो बंद हो गई लेकिन हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिकता ने 1947 में देश के दो टुकड़े कर दिए।
पिछली मनमोहन सिंह सरकार ने जातीय-जनगणना फिर शुरू की थी लेकिन उसके विरुद्ध मैंने ‘मेरी जाति हिंदुस्तानी’ आंदोलन शुरू किया तो तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उस जनगणना को बीच में ही रुकवा दिया। 2014 में जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने उन अधूरे आंकड़ों को प्रकाशित करवाने पर रोक लगा दी थी लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में उस भारत-तोड़ू जनगणना को फिर से शुरू करवा दिया है।
वैसे नीतीश कुमार के बारे में मेरी व्यक्त...