बुन्देलखंड में आज भी लोकप्रिय है देवीगीत, नवरात्रि में सदियों से कायम है अचरी
बुंदेली धरा में देवी गीत जिन्हे लोक भाषा में अचरी कहते हैं, आज भी बेहद लोकप्रिय है। वर्ष की दोनों नवरात्रियों में इनका गायन प्रचुर मात्रा में होता है, या यूं कहें कि बिना अचरी गायन के नवरात्रि उत्सव फीका नजर आता है। शक्ति की अधिष्ठायी मां जगदम्बे की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी महिमा का गुणगान लोग यहां देवी गीतों के माध्यम से भी करते हैं। देवी गीतों के गायक वैसे तो वर्ष पर्यन्त इसका गायन करते हैं, मगर नवरात्रि में इनका विशेष गायन हर गांव में अवश्य होता है। सामाजिक, धार्मिक व राजनैतिक बिन्दुओं पर देवी गीतों का चलन भी यहां देखने को मिलता है।
देवी गीतों के गायक हरिहर पाठक बिदोखर ने बताया कि देवी गीतों से जहां मां जगदम्बे को प्रसन्न करने का सुअवसर मिलता है, वहीं गीतों का गायन और श्रवण करने वालों को आत्म शांति मिलती है। मां की उपासना, आस्था व समर्पण का यह एक बेहतर जरिया है। जिसका प्रचलन लंबे ...