केंद्र के सतत प्रयास, पूर्वोत्तर का त्वरित विकास
- अजय दीक्षित
पूर्वोत्तर की भाषा, संस्कृति, खानपान और वेशभूषा को पूरा भारत अपनी धरोहर मानता है। इस क्षेत्र की पहचान को बचाये रखने और इसके संवर्धन के लिए केन्द्रीय सरकार प्रयासरत है । वास्तव में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने असम के गुवाहाटी में पूर्वोत्तर परिषद की 70वीं पूर्ण बैठक की अध्यक्षता के दौरान जो कहा है, आज उससे समझा जा सकता है कि इस संपूर्ण क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र की मोदी सरकार कितनी गंभीर है। देखा जाए तो पूर्वोत्तर के विकास की राह में दशकों से तीन प्रमुख बाधाएं थीं-उग्रवादी समूहों द्वारा हिंसा और अशांति, पूर्वोत्तर में रेल, सड़क और हवाई संपर्क की कमी और पिछली सरकारों का पूर्वोत्तर के विकास पर जोर न देना । अब तक देखने में प्राय: यही आया है कि पिछली सरकारों के लिए पूर्वोत्तर का विकास कभी प्राथमिकता में नहीं रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ...