पाकिस्तान की मदद से पहले सौ बार सोचे भारत
- आर.के. सिन्हा
पाकिस्तान में आजकल भयंकर हाहाकार मचा हुआ है। महंगाई के कारण आम पाकिस्तानी दाने-दाने को मोहताज हो गया है। बेरोजगारी, अराजकता और कठमुल्लों की करतूतों ने पाकिस्तान को तबाह कर दिया है। यह स्थिति दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। अब हमारे यहां के कुछ उदारवादी यह कह रहे हैं, कि भारत को चाहिए कि वह पाकिस्तान की मदद करे। भारतीय गुप्तचर एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख अमरजीत सिंह दुलत कह रहे हैं कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस साल के अंत में किसी समय पाकिस्तान की ओर शांति का हाथ बढ़ाएंगे और पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक एवं आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश की मदद करेंगे।
अब इन महानुभाव से पूछा जाना चाहिए कि जो मुल्क भारत पर 1948, 1965, 1971 और फिर कारगिल पर हमला कर चुका हो उसको लेकर इतना उदारता का रवैया अपनाने का क्या मतलब है। उसी पाकिस्तान की तरफ से...