लू के थपेड़ों से जिंदगी की जंग हार जाते हैं डेढ़ लाख से अधिक लोग
- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शर्मा
बात भले ही अजीब लगे पर यह सच्चाई है कि लू के थपेड़ों से डेढ़ लाख से अधिक लोग जिंदगी की जंग हार जाते हैं। वैसे तो दुनिया के सभी देश इससे प्रभावित हैं पर भारत, रूस और चीन इससे सर्वाधिक प्रभावित हैं। प्रकृति के अत्यधिक और अंधाधुंध दोहन का परिणाम सामने आने लगे हैं। ऐसा नहीं है कि धरती के बढ़ते तापमान से दुनिया के देश चिंतित ना हो या इससे बेखबर हो पर इसे संतुलित करने के प्रयासों में जो लक्ष्य हासिल किया जाना था वह अभी दूर की कौड़ी सिद्ध हो रहा है। हालात बेहद चिंतनीय और गंभीर है। भारत के साथ-साथ दुनिया के देश अब जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से दो चार होने लगे हैं। बेमौसम बरसात, तेज गर्मी, तेज सर्दी, आए दिन तूफानों का सिलसिला, भू-स्खलन, सुनामी, ग्लेशियरों से बर्फ का तेजी से पिघलना, भूकंपन, जंगलों में आए दिन दावानल और ना जाने क्या-क्या दुष्परिणाम सामने आते जा रहे हैं...