-वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6 फीसदी रहने का अनुमान
नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। एजेंसी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान को घटाकर 6 फीसदी कर दिया है। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 7.3 फीसदी और अगले वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था।
रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत जैसी मांग आधारित अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंदी का असर कम हो सकता है। एजेंसी ने मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर औसतन 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इसके अलावा एजेंसी ने कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) नीतिगत ब्याज दर मार्च, 2023 तक 6.25 फीसदी कर सकती है। भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2021 में 8.5 फीसदी की दर से बढ़ी थी।
फिच रेटिंग्स ने भी वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इससे पहले वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में 7 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर रहने का अनुमान जताया था। आरबीआई ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए 7.2 फीसदी विकास दर का अनुमान कायम रखा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मई से लेकर अभी तक नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 1.90 फीसदी का इजाफा किया है, जो तीन साल के उच्च स्तर 5.90 फीसदी पर पहुंच गई है। हालांकि, देश में थोक और खुदरा महंगाई दर अक्टूबर महीने में घटी है। (एजेंसी, हि.स.)