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एसएंडपी ने 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6 फीसदी पर रखा बरकरार

नई दिल्ली (New Delhi)। साख निर्धारण करने वाली वैश्विक रेटिंग एजेंसी (Global rating agency) एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने एक अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर (India’s economic growth rate) के अपने अनुमान को छह फीसदी पर बरकरार (remained at 6 per cent) रखा है। हालांकि, एजेंसी ने इसके अगले वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़कर 6.9 फीसदी पर पहुंचने की उम्मीद जताई है।

एसएंडपी ने एशिया-प्रशांत के लिए त्रैमासिक आर्थिक जानकारी को अद्यतन करते हुए कहा कि महंगाई चालू वित्त की मौजूदा 6.8 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2023-24 में पांच फीसदी पर पर होगी। भारत का जीडीपी वित्त वर्ष 2022-23 में सात फीसदी की दर से बढ़ेगा, लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 में यह कम होकर 6 फीसदी पर आ जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-2026 में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी होगी। इसके बाद वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में इसके 6.9 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2026-27 में 7.1 फीसदी होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट सदन में पेश किया था। सरकार की ओर से पेश आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर से 6 से 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था, जबकि मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में विकास दर सात फीसदी रहने का अनुमान है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने भी अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। (एजेंसी, हि.स.)