Friday, January 10"खबर जो असर करे"

शिवपुरीः सिंधिया ने जीप को खुद ड्राइव कर जंगल सफारी का लुत्फ उठाया

शिवपुरी। गुना- संसदीय क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे के तहत केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी पहुंचे । केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिले को कई सौगातें प्रदान की हैं। सिंधिया ने माधव नेशनल टाइगर रिजर्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाए दो गए टाइगर सफारी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बता दें की इन दोनों वाहनों की खरीद सिंधिया के सांसद निधि से रू 24 लाख रुपए की लागत से हुई है।

जॉर्ज कैसल का हुआ नवीनीकरण-

साथ ही पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर ऐतिहासिक जॉर्ज कैसल कोठी का 25 लाख रुपए की लागत से किए गए नवीनीकरण का लोकार्पण एवं कैंटीन का उद्घाटन भी किया।

सिंधिया ने चलाई जिप्सी, शिवपुरी के विधायक एवं स्थानीय अधिकारियों को कराई जंगल सफारी-

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ड्राइविंग का लुत्फ उठाते हुए नजर आए। टाइगर सफारी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर नेशनल टाइगर रिजर्व को एक अनुपम सौगात दी गई। साथ ही सिंधिया ने जिप्सी को खुद चला कर अधिकारियों एवं स्थानीय नेताओं को सफारी करवाई। यह नजारा देखने लायक था।

अब ऑनलाइन भी हो पाएगी सफारी की बुकिंग, सिंधिया ने की पहली ऑनलाइन बुकिंग-

बता दें कि माधव नेशनल टाइगर रिजर्व को सफारी की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा की शुरुआत भी की। इससे पर्यटकों को बुकिंग करने में सुविधा मिलेगी।

माधव नेशनल पार्क को दिलाया ‘टाइगर रिजर्व का दर्जा-

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया के अथक प्रयासों एवं मध्यप्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव के सहयोग की बदौलत ही माधव राष्ट्रीय उद्यान को ‘टाइगर रिजर्व’ का दर्जा प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि क्षेत्रीय पर्यटन, रोजगार सृजन, और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। 27 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की दहाड़ फिर से गूंजी है। कार्यक्रम के दौरान सिंधिया ने कहा कि यह वो स्थान है जो मेरे पूज्य पिताजी, स्वर्गीय माधव महाराज एवं मेरे पूर्वज माधो महाराज प्रथम के दिल के बहुत करीब था। उन्होंने कहा कि टाइगर रिजर्व बनने से अब संसाधनों की कमी नहीं होगी। साथ ही पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी एवं क्षेत्रीय रोजगार बढ़ेगा। इस उद्यान से केवल शिवपुरी एवं मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व पटल पर प्राकृतिक एवं वन्य समृद्धि का डंका बजेगा।(हि.स.)