Friday, November 22"खबर जो असर करे"

शेयर ब्रोकर की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने को नियम बनाएगा सेबी

सेबी प्रमुख ने कहा-नियामक आडाणी प्रकरण पर टिप्पणी नहीं करेगा

नई दिल्ली/मुंबई। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बाजार व्यवस्था एवं कंपनी संचालन को और बेहतर बनाने के लिए कई प्रस्तावों को मंजूदी दी है। सेबी ने जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी है, उनमें लोगों के सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल में स्थायी रूप से बने रहने की पंरपरा को समाप्त करने तथा शेयर ब्रोकरों की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने को लेकर नियम शामिल हैं।

बाजार नियामक सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने बुधवार को यह जानकारी दी। बुच ने यहां आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सेबी निदेशक मंडल की बैठक में कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। मीडिया को संबोधित करते हुए बुच ने कहा कि नियामक अडाणी हिंडनबर्ग प्रकरण पर टिप्पणी नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि हम कोर्ट में विचाराधीन मामलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं।

सेबी चेयरपर्सन ने बताया कि बाजार नियामक ने निजी इक्विटी कोष को म्यूचुअल फंड का प्रायोजक बनने की नियामकीय रूपरेखा को भी मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि सेबी के इस कदम से म्यूचुअल फंड को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। सेबी ने सूचीबद्ध कंपनियों के लिए पर्यावरण, सामाजिक और संचालन (ईएसजी) के बारे में खुलासों को लेकर नियामकीय व्यवस्था को मंजूरी दी है।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही बाजार नियामक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की तरह शेयर खरीद-बिक्री बाजार के लिए कोष को ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा की शुरुआत करेगा। इस पहल का उद्देश्य निवेशकों के पैसे को शेयर ब्रोकरों के दुरुपयोग से सुरक्षित रखना है।

उल्लेखनीय है कि बाजार नियामक ने आज जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी है, उनमें सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल में स्थायी निदेशक के पद पर लोगों के बने रहने की परंपरा को समाप्त करने और शेयर ब्रोकरों की ओर से होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए रूपरेखा तैयार करने के प्रस्ताव मुख्य रूप से शामिल है। (एजेंसी, हि.स.)