भरतपुर । राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भरतपुर जिले में आरक्षण की मांग तेज हो गई है। माली, कुशवाह, शाक्य और मौर्य समाज ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए आज (शनिवार) सुबह अरौंदा गांव के पास आगरा-बीकानेर हाइवे जाम कर दिया है। यह लोग हाइवे पर बैठ गए हैं। जिला प्रशासन ने आंदोलन को देखते हुए जिले के नदबई, वैर और भुसावर में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर अस्थाई प्रबंध लगा दिया है। दोपहर तक प्रशासन और आंदोलनकारी नेताओं के बीच बातचीत होने की उम्मीद है।
भरतपुर जिले में वैर और डेहरा मोड़ के बीच आंदोलनकारी राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैठे हैं। यहां बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। जिला प्रशासन ने देहरा मोड़, नदबई, हेलना होते हुए वैकल्पिक मार्ग खुलवाया है, ताकि लोगों को आवागमन में कोई परेशानी नहीं हो।
इससे पहले शुक्रवार दोपहर हलैना-वैर मार्ग पर गांव रमासपुर के पास जाम लगाने पर आमादा लाठीधारी आंदोलनकारियों को पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर खदेड़ा। इस पर लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। यह लोग भुसावर क्षेत्र के बल्लभगढ़ पहुंच गए। यहां एक पुलिस गाड़ी का घेराव कर शीशे तोड़ दिए। शुक्रवार शाम करीब सवा सात बजे गांव अरौंदा के पास पुलिस पर पथराव किया गया। आखिर में पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा।
आंदोलन के केंद्र अरौंदा गांव के आसपास के क्षेत्र को माली, कुशवाह, शाक्य और मौर्य समाज का गढ़ माना जाता है। यहां इन जातियों के वर्चस्व वाले तीन विधानसभा क्षेत्र हैं। इसमें भरतपुर की नदबई और वैर के अलावा दौसा की महवा विधानसभा सीट है। इन लोगों ने 12 जून, 2022 को भी नौ दिन आंदोलन किया था।
संभागीय आयुक्त सांवर मल वर्मा ने शुक्रवार रात 12 बजे से शनिवार रात 12 बजे तक 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा को अस्थाई रूप से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। नदबई, वैर और भुसावर में यह सेवा बंद हो गई है। आंदोलन कारी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ पहुंचे हैं। आंदोलन स्थल पर महिलाएं भी हाथों में लाठियां लेकर बैठी हुई हैं। अरोदा, हंतरा और बेरी गांवों से गुजर रहे हाइवे पर जगह-जगह अवरोधक के रूप में पत्थर और पूलियां (फसल के गट्ठर) डाल दिए गए हैं। पुलिस भारी वाहनों को उच्चैन तिराहे से आगे नहीं जाने दे रही। आगरा से जयपुर और जयपुर से आगरा जाने वाले वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जयपुर जाने वाले वाहन भरतपुर में ही रोक दिए गए हैं।
आंदोलन में छात्र नेता भी कूद गए हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता किरोड़ी लाल सैनी ने कहा कि पांच-सात साल से सैनी समाज आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहा है। सरकार लॉलीपॉप थमाकर आंदोलन खत्म करा देती है। मंत्री और विधायकों के इशारे पर पुलिस ने आंदोलनकारियों पर बल प्रयोग किया है।
सम्राट अशोक सेना की प्रदेश उपाध्यक्ष अंजली ने कहा कि नवकुश कल्याण बोर्ड का सरकार गठन करे।छात्र नेता विनोद भुट्टोलिया ने कहा कि इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। हाइवे तो जाम रहेगा पर एंबुलेंस आदि को रास्ता दिया जाएगा। इस बीच आंदोलनकारियों ने फुले आरक्षण समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी को सरकार से रिहा करने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि मुरारीलाल सैनी के नेतृत्व में आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति ने मांगें न मानने पर हाइवे रोकने की चेतावनी दी थी। इस दौरान उन्हें कुछ लोगों के साथ हिरासत में ले लिया गया था। (हि.स.)