नई दिल्ली (Delhi)। गणतंत्र दिवस परेड में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और दिल्ली पुलिस की टुकड़ियों ने भी मार्च किया। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वाले 18 बच्चे जब जीपों में सवार होकर कर्तव्य पथ पर गुजरे तो उनका उत्साह देखते ही बन रहा था। परेड के दौरान 16 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेश और नौ मंत्रालयों की झांकियों के जरिये सरकार की उपलब्धियों को कर्तव्य पथ पर दिखाया गया। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या पर केंद्रित उत्तर प्रदेश की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही।
सीएपीएफ और दिल्ली पुलिस की टुकड़ियां
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और दिल्ली पुलिस की टुकड़ियों का नेतृत्व महिलाओं ने किया। सीमा सुरक्षा बल के मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व सहायक कमांडेंट मोनिका लाकड़ा ने किया। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल दस्ते का नेतृत्व सहायक कमांडेंट तन्मयी मोहंती ने किया। इसी तरह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की टुकड़ी सहायक कमांडेंट मेघा नायर के नेतृत्व में, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की टुकड़ी सहायक कमांडेंट मोनिया शर्मा के नेतृत्व में, सशस्त्र सीमा बल की टुकड़ी डिप्टी कमांडेंट नैंसी सिंगला के नेतृत्व में और दिल्ली पुलिस के दल का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्वेता के सुगथन ने किया। सीमा सुरक्षा बल की ऊंट टुकड़ी का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खींची ने किया। दूसरी बार बीएसएफ की महिलाओं ने अपने सजे हुए ऊंटों के साथ परेड में हिस्सा लिया।
एनसीसी दल
पहली बार इस परेड में ऑल-गर्ल ट्राई-सर्विस मार्चिंग दस्ता शामिल हुआ, जिसका नेतृत्व उत्तर प्रदेश निदेशालय की सीनियर अंडर ऑफिसर तनु तेवतिया ने किया। 148 कैडेटों वाली लड़कियों की मार्चिंग टुकड़ी (सेना) का नेतृत्व कर्नाटक और गोवा निदेशालय की सीनियर अंडर ऑफिसर पुन्न्या पोन्नम्मा ने किया। एनसीसी बैंड में भी लड़कियों का ही प्रतिनिधित्व दिखा। बिड़ला बालिका विद्या पीठ पिलानी, राजस्थान और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की लड़कियों के संयुक्त बैंड का नेतृत्व सीनियर अंडर ऑफिसर यशस्विका गौड़ और अंकिता शर्मा ने किया।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता
बहादुरी, कला एवं संस्कृति, खेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, नवाचार और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में असाधारण क्षमताओं और उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए इस बार यह पुरस्कार 19 बच्चों को दिया गया है, जिसमें आदित्य विजय ब्रम्हणे को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है। इसलिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेता 18 बच्चे जीपों में सवार होकर कर्तव्य पथ पर गुजरे। इसमें अनुष्का पाठक, अरिजीत बनर्जी, अरमान उबरानी, हेतवी कांतिभाई खिमसुरिया, इशफाक हामिद, एमडी हुसैन, पेंड्याला लक्ष्मी प्रिया, सुहानी चौहान, आर्यन सिंह, अवनीश तिवारी, गरिमा, ज्योत्सना अख्तर, सय्याम मजुमदार, आदित्य यादव, चार्वी ए, जेसिका नेयी सरिंग, लिन्थोई चनांबम और आर सूर्य प्रसाद हैं।
राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की झांकियां
परेड के दौरान 16 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश और नौ मंत्रालयों की झांकियां कर्तव्य पथ से गुजरीं। इनमें अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, मणिपुर, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, तमिलनाडु, गुजरात, मेघालय, झारखंड, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना की झांकियां थीं। इसके अलावा गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान केंद्र, भारत निर्वाचन आयोग और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की भी झांकियां दिखाई दीं। उत्तर प्रदेश की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। झांकी के चारों ओर लगी झालर दीपोत्सव को चित्रित कर रही थी, जो भगवान राम के अयोध्या आगमन के उपल्क्ष्य में राज्य सरकार की ओर से शुरू किया गया प्रकाश उत्सव है।
रक्षा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय ने लगातार तीसरे वर्ष ‘नारी शक्ति की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति-संकल्प से सिद्धि’ विषय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘वंदे भारतम्’ प्रस्तुत किया। इसमें शामिल लगभग 1,500 महिलाओं ने विविधता में एकता का संदेश देते हुए रंगारंग प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस भव्य प्रदर्शन में विभिन्न राज्यों में विशिष्ट रूप से प्रचलित 30 लोकनृत्य शैलियों के साथ-साथ समकालीन शास्त्रीय नृत्य और बॉलीवुड शैलियों का भी प्रदर्शन किया गया। इन कलाकारों में आदिवासी नर्तक, लोक नर्तक और शास्त्रीय नर्तक शामिल रहे।