– रेपो दर में 0.25 फीसदी वृद्धि संभव, अभी रेपो दर 6.25 फीसदी
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक दूसरे दिन भी चल रही है। इसी बैठक में नीतिगत ब्याज दर को लेकर फैसला लिया जाना है, जिसका ऐलान बुधवार सुबह 10 बजे आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे।
आरबीआई ने मंगलवार को ट्विट कर कहा कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास एमपीसी की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से बुधवार, 8 फरवरी को सुबह 10 बजे देंगे। दरअसल, छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में तीन दिवसीय बैठक 6 फरवरी को शुरू हुई थी। इस बीच आर्थिक मामलों के जानकारों का मानना है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो दर में 0.25 फीसदी तक बढ़ोतरी कर सकता है।
आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से नीचे आ चुकी है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ने की उम्मीद है। ऐसे में रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि का विकल्प चुन सकता है। हालांकि, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के आर्थिक शोध विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई फरवरी की नीतिगत समीक्षा में ब्याज दरों में वृद्धि को रोकेगा। ऐसे में एमपीसी की बैठक के नतीजों पर लोगों की उम्मीदें टिकी है।
रिजर्व बैंक पिछले साल मई से दिसंबर तक रेपो दर में 2.25 फीसदी का इजाफा कर चुका है, जो बढ़कर 6.25 फीसदी के स्तर पर पहुंच चुका है। रेपो दर में बढ़ोतरी का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। रेपो दर में इजाफे के बाद बैंक भी ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देते हैं। फिलहाल अधिकांश बैंकों में होम लोन की ब्याज दरें 8.50 फीसदी से ऊपर है। अगर फिर नीतिगत ब्याज दर बढ़ती है तो होम लोन और महंगा हो जाएगा। (एजेंसी, हि.स.)