Friday, November 22"खबर जो असर करे"

RBI और सरकार के समन्वय से भारत की तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाः शक्तिकांत दास

इंदौर। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) और सरकार के बेहतर समन्वय से ही भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत में इस वर्ष अप्रैल से जून तक की जीडीपी दर 7.8 प्रतिशत रहेगी। पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है और मान रहा है कि यह दशक भारत का है। आरबीआई विश्व का नया उभरता हुआ ग्रोथ इंजन है।

यह बातें आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को इंदौर में देवी अहिल्या विश्व विद्यालय के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जुलाई की मुद्रास्फीति दर जो अगस्त में जारी हुई, 7.4 प्रतिशत थी। इसने लोगों को चौंकाया, लेकिन हमें इसकी उम्मीद थी। वर्षा कम होने के कारण सब्जियों की कीमत बढ़ती देखी गई। पिछले कुछ वर्षों में यह देखने में आया है कि अक्सर टाप (टीओपी) यानी टमाटर, प्याज व आलू तीनों सब्जियां अन्य सब्जियों के मुकाबले ज्यादा परेशान करती हैं। हमें सब्जियों की कीमत बढ़ने की उम्मीद पहले से ही थी। सरकार ने टमाटर की कीमतें बढ़ने पर उसकी आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किए। जहां टमाटर की आपूर्ति कम थी, वहां रियायती दरों में टमाटर पहुंचाए गए। इसी तरह सरकार ने नान बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगाई। घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी की। महंगाई को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए ये कदम महत्वपूर्ण हैं।

कोविड, यूक्रेन वार से मुद्रास्फीति दर के नियंत्रण में आई पेरशानी
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चार साल से मुद्रास्फीति दर के प्रबंधन में कुछ चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कोविड के दौरान पूरे विश्व में ही आपूर्ति की गतिविधियां कम हुईं। लॉकडाउन के दौरान देश के अंदर और एक से दूसरे देश में माल व सेवाओं की आपूर्ति मुश्किल हुई। कोविड के दौर में दर छह प्रतिशत से ऊपर गई, लेकिन उसे निचले स्तर पर लाने के प्रयास किए और दर नीचे भी आई। वर्ष में 2022-23 में औसत मौद्रिक स्फीति दर 4.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी।

उन्होंने कहा कि 24 फरवरी से यूक्रेन वार के कारण रिजर्व बैंक और विश्व के अन्य सेंट्रल बैंकों की गणना बिगड़ गई। इस दौरान विश्व में मौद्रिक स्फीति दर बढ़ी। गेहूं व सूरजमुखी का तेल जैसे उत्पाद जो इन देशों से आयात किए जाते थे, वे बंद हो गए। भारत में गेहूं अधिशेष था, इससे परेशानी नहीं आई। सूरजमुखी के तेल का आयात बंद होने से इसकी कीमतें बढ़ी थीं। पेट्रोलियम क्रूड तेल की कीमतें भी बढ़ीं। इस वजह से सभी सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरें बढ़ाकर मुद्रा नियंत्रण का प्रयास किया। आरबीआई ने भी इसी वजह से एक निर्धारित समय के लिए ब्याज दरें बढ़ाईं। दूसरे, सेंट्रल बैंक ने जहां 7.5 प्रतिशत दरें रखीं, वहीं हमने उससे कम निर्धारित समय के लिए ब्याज दरें बढ़ाईं।

कार्यक्रम में आरएसआई के महानिदेशक प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी, आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डा. रेणु जैन और डीएवीवी के रजिस्ट्रार अजय वर्मा उपस्थित थे।

छप्पन दुकान पहुंचे शक्तिकांत दास
कार्यक्रम के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार रात 8 बजे के करीब छप्पन दुकान पहुंचे। उन्होंने यहां छप्पन दुकान का जायजा लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इंदौर की स्वच्छता देखकर बहुत प्रभावित हुआ हूं। इंदौर को देश की स्वच्छता में नंबर वन का अवॉर्ड मिला है। छप्पन दुकान देखकर बहुत खुशी हुई। मैंने यहां बहुत साफ सफाई देखी है। छप्पन दुकान के व्यापारी बहुत सहयोग करते हैं, मैं बहुत ही आनंदित हूं।

उन्होंने छप्पन दुकान के व्यापारियों से कहा कि एक तारीख निश्चित करके छप्पन दुकान को 100 परसेंट डिजिटल करिए। बिल्कुल जीरो कैश करिए, बहुत ही अच्छा रहेगा। छप्पन दुकान की स्वच्छता देखकर आरबीआई गवर्नर दास बहुत आनंदित हुए। उन्होंने छप्पन दुकान की सारी स्वाद की दुकानों का जायजा लिया। वे करीब आधे घंटे रुके।