नई दिल्ली/मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर (country’s gross domestic product (GDP) growth rate) का अनुमान घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। इससे पहले आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद इसका ऐलान किया। शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर में कटौती करते हुए 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में जीडीपी 4.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। दरअसल दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही थी, जबकि पहली तिमाही में जीडीपी 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी थी।
शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि जीडीपी दर के अनुमान में कमी के बावूजद भारत दुनिया की सबसे तेजी गति से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, जिसको वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच इसे उम्मीद की किरण के रूप में देखा जा रहा है। आरबीआई गवर्नर ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने सितंबर में भी एमपीसी की समीक्षा बैठक के बाद आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाया था। हालांकि, इससे एक दिन पहले विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 से बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया था। वहीं, वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अपने अनुमान को 7 फीसदी पर बरकरार रखा है। (एजेंसी, हि.स.)