Friday, November 22"खबर जो असर करे"

बारिश की गतिविधियां हुईं कम, एक दो दिन में विदा हो सकता है मानसून

भोपाल। प्रदेश पर प्रभाव रखने वाली कोई मौसम प्रणाली वर्तमान में सक्रिय नहीं है। राजस्थान और उससे लगे गुजरात पर एक प्रति चक्रवात बन गया है, जिससे वातावरण से नमी कम होने लगी है और वर्षा की गतिविधियों में कमी आ गई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अगले तीन-चार दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने की संभावना है। साथ ही शुक्रवार तक उत्तरी मध्यप्रदेश के ग्वालियर, चंबल संभागों के कुछ जिलों से मानसून की विदाई भी हो सकती है।

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई के संकेत मिलने लगे हैं। मप्र के उत्तरी एवं पश्चिमी क्षेत्र में आर्द्रता कम होने लगी है। यह मानसून की वापसी के संकेत हैं। वातावरण से नमी कम होने के कारण वर्षा की गतिविधियों में कमी आने लगी है। हालांकि बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके असर से गुरुवार को शहडोल, रीवा, जबलपुर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर, उज्जैन संभागों के जिलों में तथा पन्ना, दमोह एवं सागर जिलों में कहीं-कहीं छिटपुट वर्षा हों सकती है।

 

प्रदेश में 24 प्रतिशत अधिक वर्षा

इस मानसून सीजन में मध्यप्रदेश में बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक 1168 मिमी. वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा 945.2 मिमी. की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। हालांकि अभी भी प्रदेश के तीन जिलों आलीराजपुर, रीवा एवं सीधी में वर्षा सामान्य से कम है और पानी की दरकार है।(हि.स.)