राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, इन देशों ने गुलामों का व्यापार किया। अमेरिका में मूल निवासियों की हत्या की। भारत और अफ्रीका जैसे देशों को लूटा। चीन के खिलाफ ब्रिटेन और फ्रांस ने लड़ाई लड़ी। तमाम देशों को नशे में झोंक दिया। पूरे समूह को जान-बूझकर अतिवादी बना दिया। भूमि और संसाधन बचाने के लिए पशुओं की तरह मनुष्यों का शिकार किया। यह मनुष्य की प्रकृति, सच्चाई, स्वतंत्रता और न्याय के विरुद्ध है।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश अपने फायदे के लिए किसी भी अन्य मुल्क में सत्ता विरोधी आंदोलनों को हवा देते हैं। वहां की सरकारें गिराने की ताक में रहते हैं। यह कितना बड़ा अंतर्विरोध है कि पश्चिम ने सच्चाई, स्वतंत्रता और न्याय की कीमत पर भारत जैसे देशों को लूटा। पश्चिम ने अपनी उपनिवेशवादी नीति मध्यकाल में शुरू कर दी थी।
पुतिन के भाषण के दौरान जपोरीजिया से भयावह खबर आई। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक शुक्रवार को जब रूस जपोरीजिया को अपना हिस्सा बना रहा था तो उसके सैनिक शहर पर हमला कर रहे थे। यूक्रेन सरकार के अनुसार रूसी हमले में 30 लोग मारे गए और 88 घायल हो गए। जपोरीजिया के क्षेत्रीय गवर्नर ओलेक्जांद्र स्तारुख ने बताया कि लोगों का एक काफिला रूस नियंत्रित क्षेत्र की तरफ बढ़ रहा था। उसी दौरान रूसी बलों ने हमला किया।