Friday, November 22"खबर जो असर करे"

शास्त्रीय संगीत के मूर्धन्य गायक पं. गणपति भट्ट हासणगि ‘राष्ट्रीय तानसेन सम्मान’ से अलंकृत

-उज्जैन की संस्था मालव लोक कला केन्द्र को मिला राजा मानसिंह तोमर सम्मान

ग्वालियर (Gwalior)। संगीतधानी ग्वालियर (Sangeetdhani Gwalior) में आयोजित विश्व संगीत समागम “तानसेन समारोह 2023” (World Music Festival “Tansen Festival 2023”) के दूसरे दिन सोमवार देर शाम हुए भव्य एवं गरिमामय समारोह में हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के मूर्धन्य गायक पं. गणपति भट्ट हासणगि (Pandit Ganapati Bhatt Hassanagi, a prominent singer of Hindustani classical music.) धारवाड़ को वर्ष 2022 के “राष्ट्रीय तानसेन सम्मान” से अलंकृत (Decorated with “National Tansen Award”) किया गया। साथ ही उज्जैन की संस्था मालव लोक कला केन्द्र को वर्ष 2022 के “राजा मानसिंह तोमर सम्मान” प्रदान किया गया।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि के समीप ऐतिहासिक मानसिंह महल की थीम पर बने आकर्षक मंच पर सोमवार की सांध्यबेला में भव्य अलंकरण समारोह आयोजित हुआ। मंत्री तोमर ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर का संदेश सुनाया। उन्होंने कहा कि तीनों वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने अगले वर्ष आयोजित होने वाले 100वां तानसेन समारोह पूरी गरिमा एवं ऐतिहासिक भव्यता के साथ आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

समारोह में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर व विधायक मोहन सिंह राठौर सहित अन्य अतिथियों ने पं. गणपति भट्ट को राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण के रूप में आयकर मुक्त पांच लाख रुपये की सम्मान राशि, प्रशस्ति पट्टिका व शॉल-श्रीफल भेंट किए। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संगीत सम्राट तानसेन के नाम से स्थापित यह सम्मान भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सर्वोच्च राष्ट्रीय संगीत सम्मान है।

राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण से विभूषित पंडित गणपति भट्ट ने तानसेन सम्मान प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के प्रति धन्यवाद व कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार हमारे लिए मेरी माताजी का प्रसाद है। उन्होंने इस अवसर पर अपने महान संगीतज्ञ गुरुओं स्व. बसवराज राजगुरु और पं. सीआर व्यास का स्मरण कर उन्हें नमन किया।

राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान के रूप में मालव लोक कला केन्द्र उज्जैन को पांच लाख रुपये की आयकर मुक्त राशि और प्रशस्ति पट्टिका भेंट कर सम्मानित किया गया। संस्था की निदेशक कृष्णा वर्मा ने यह सम्मान ग्रहण किया। यह संस्था मालवा की लोक संस्कृति के विकास के लिए समर्पित है। राजा मानसिंह तोमर सम्मान कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही संस्था को राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है।

अलंकरण समारोह में नगर निगम के सभापति मनोज तोमर, संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल, संस्कृति विभाग के संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी, उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक जयंत माधव भिसे तथा अशोक शर्मा व बालखाण्डे सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण मंचासीन थे।

राजधानी में सोमवार को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार ग्वालियर पधारे मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने गान महर्षि तानसेन की समाधि पर पहुंचकर चादर चढ़ाई। आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अंत में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। स्वागत उद्बोधन अलाउद्दीन खाँ कला अकादमी के निदेशक जयंत माधव भिसे ने दिया। संस्कृति संचालक अदिति कुमार त्रिपाठी ने सम्मानित विभूतियों के सम्मान में प्रशस्ति वाचन किया।

तानसेन समारोह को और गौरवशाली बनाने के लिए सरकार कृत संकल्पितः तोमर
अलंकरण समारोह में मंत्री तोमर ने कहा कि तानसेन समारोह को और गौरवशाली बनाने के लिये प्रदेश सरकार कृत संकल्पित है। अगले साल आयोजित होने वाले 100वें तानसेन समारोह को ऐतिहासिक रूप देने के लिये अभी से तैयारियां की जाएंगीं। खुशी की बात है कि ग्वालियर शहर को यूनेस्को द्वारा म्यूजिक सिटी घोषित किया गया है। म्यूजिक सिटी की गरिमा के अनुरूप शहर में और भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

27 दिसम्बर को स्थानीय अवकाश
अधिकाधिक रसिक तानसेन समारोह की सभाओं का आनंद ले सकें, इस उद्देश्य से संभागायुक्त दीपक सिंह ने 27 दिसम्बर को स्थानीय अवकाश घोषित किया है।

26 दिसम्बर को इनकी होगी प्रस्तुति
प्रात:कालीन सभाः आरंभ में भारतीय संगीत महाविद्यालय ग्वालियर की ध्रुपद प्रस्तुति होगी। इसके बाद विश्व संगीत के तहत नथाली रामिरेज मैक्सिको का बाँसुरी वादन, पारुल दीक्षित उपाध्याय ग्वालियर का गायन, पं. चिंतन उपाध्याय पुणे का ध्रुपद गायन, अनुपमा भागवत बैंगलोर का सितार वादन और पद्मिनी राव बैंगलोर का गायन होगा।

सायंकालीन सभाः सभा की शुरुआत शंकर गांधर्व संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगी। इसके बाद विश्व संगीत के तहत अफगानिस्तान के जनाब सुल्तान मसूद का वायोलिन वादन, हेमांगी नेने हैदराबाद का गायन, जनाब अमान-अयान अली बंगश दिल्ली की सरोद जुगलबंदी, पं. रघुनंदन पणशीकर पुणे का गायन एवं पद्मश्री पं. विजय घाटे पुणे के तबला वादन की प्रस्तुति होगी।