– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
प्रवासी भारतीयों की प्रतिभा विकसित देशों तक प्रतिष्ठित हो रही है। नरेन्द्र मोदी सरकार ने पहली बार प्रवासी भारतीयों पर ध्यान केंद्रित किया है। नरेन्द्र मोदी अपनी प्रत्येक विदेश यात्रा में प्रवासियों से संवाद करते हैं। विगत आठ वर्षों के दौरान विदेशों में प्रवासी भारतीयों के अभूतपूर्व सम्मेलन हुए हैं। इनमें नरेन्द्र मोदी के साथ सम्बन्धित देशों के शासक भी मंच साझा करते रहे हैं। इस नीति के दो प्रभाव हुए। पहला यह कि सम्बन्धित देश में प्रवासी भारतीयों का सम्मान और प्रभाव बढ़ा। वहां के शासन ने उन्हें विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराईं। दूसरा यह कि इन प्रवासियों ने भारत की प्रगति में योगदान देना शुरू किया। वह अपनी मातृभूमि के प्रति दायित्व का निर्वाह करने लगे हैं। नए सिरे से भारतीय सभ्यता संस्कृति से जुड़ रहे हैं।
काशी के प्रवासी सम्मेलन में प्रवासियों का संस्कृति प्रेम दिखाई दिया था। इस सम्मेलन के बाद प्रवासी भारतीय प्रयागराज कुंभ स्नान के लिए गए। उनके लिए यह भावनात्मक पल थे। यहां की व्यवस्था देख कर वह प्रभावित हुए थे। प्रयागराज कुंभ में कायम हुए अनेक वैश्विक कीर्तिमान से वह गौरवान्वित लग रहे थे। काशी,अयोध्या उज्जैन आदि के ऐतिहासिक नवनिर्माण उन्हें आकर्षित करते हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान को देख कर उनका भी आत्मविश्वास जागृत होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर में प्रवासी सम्मेलन के सत्रहवें संस्करण का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र अगले पच्चीस वर्षों के अमृत काल में प्रवेश कर चुका है।प्रवासी भारतीय समुदाय को वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को और ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। प्रवासी भारतीय को विदेशी धरती पर भारत के ब्रांड एंबेसडर है।
वह मेक इन इंडिया, योग,आयुर्वेद, कुटीर उद्योग,हस्तशिल्प और बाजरा के ब्रांड एंबेसडर हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत द्वारा हासिल किए गए अभूतपूर्व विकास के लिए पूरी दुनिया उत्सुकता से भारत की ओर देख रही है। आज भारत के पास न केवल दुनिया का नॉलेज सेंटर बनने का बल्कि स्किल कैपिटल बनने का भी सामर्थ्य है।भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको सिस्टम है। दुनिया में इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा निर्माण में अग्रणी है। यही कारण हैं कि दुनिया भर के लोग भारत की गति और पैमाने के बारे में उत्सुक हैं। भारत की ये स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है। सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने कहा कि मां और मातृभूमि स्वर्ग से बढ़कर है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन दोनों देशों के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा। प्रवासी भारतीयों के लिए कैरेबियन देशों सहित अन्य देशों में हिंदी योग, आयुर्वेद, अध्यात्म आदि पर प्रशिक्षण की व्यवस्था स्थापित करने की आवश्यकता है l।
इससे धर्म, संस्कृति और हमारी परंपराओं को प्रवासी भारतीय समुदायों में भी सुरक्षित रखने में सहायता मिलेगी। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी वसुधैव कुटुंबकम के अनुरूप संपूर्ण विश्व को एक परिवार मानने की दृष्टि महत्वपूर्ण हैं। गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली ने अपने पूर्वजों की धरती भारत को प्रणाम तथा महात्मा गांधी का स्मरण किया। इरफान अली ने कहा कि कोविड काल में जब वैश्वीकरण की संपूर्ण व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी, तब नरेन्द्र मोदी ने देशों की सहायता कर दुनिया को प्रेम और सहयोग का संदेश दिया। भारत, विश्व में प्रतिभा और टेक्नोलॉजी के विकास में अन्य देशों की तुलना में कहीं आगे है। नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के संकल्प के साथ देश आज दुनिया को नेतृत्व प्रदान कर रहा है। भौगोलिक दूरी की दृष्टि से भले ही दोनों देश दूर हों पर भावनात्मक रूप से निकटता बहुत अधिक है और भविष्य में हमारे संबंध अधिक प्रगाढ़ होंगे। नरेन्द्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। पहली बार आयोजित अपनी तरह की इस डिजिटल प्रदर्शनी की थीम “आजादी का अमृत महोत्सव: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों का योगदान” है। यहां विदेश में चलाए गए गदर मूवमेंट का भी जिक्र है। प्रदर्शन में थ्री डी तकनीक से बना एक ऐसा सिस्टम लगाया गया है, जिससे बीस सेकेंड में आपको पता लगेगा कि आपका चेहरा देश के किस वीर सपूत से मिलता है। स्वामी विवेकानंद के अलावा महात्मा गांधी का भी रोचक तरीके से जीवन वृतांत बताया गया है। डिजिटल प्रदर्शनी में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रवासी भारतीयों के योगदान को डिजिटली बखूबी दर्शाया गया।
इस वर्ष भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। ये दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। जब हम भारत की वसुधैव कुटुम्बकम् आधारित विकासपरक सोच एवं विभिन्न विकास क्षेत्रों तकनीकी आधारित विकास, डिजिटल परिवर्तन, सशक्त फार्मा सेक्टर, पर्यावरण आधारित जीवनशैली एवं विकास गतिविधियां आदि में भारत की क्षमताओं तथा गौरवशाली परंपरा, संस्कृति को वैश्विक स्वर प्रदान कर सकते हैं। जी-20 समूह विकसित एवं विकासशील राष्ट्रों का विश्व का सबसे बड़ा समूह है। जी 20 के सदस्य मिलकर पच्चासी प्रतिशत वैश्विक जीडीपी, पचहत्तर प्रतिशत वैश्विक व्यापार,नब्बे प्रतिशत पेटेंट के प्रति उत्तरदायी है एवं विश्व की साठ प्रतिशत जनसंख्या इन देशों में निवासरत है। यह वैश्विक स्थिति जी-20 को महत्वपूर्ण बनाती है। इसके अंतर्गत विभिन्न आयोजन स्थलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, मैराथन, सेल्फ़ी विथ मान्यूमेन्ट आदि प्रतियोगिताएं एवं कार्यक्रम किए जा रहे हैं। जी-20 के इतिहास में पहली बार यह कार्यक्रम 56 शहरों में किया जाएगा। आयोजन स्थल के शहरों को भी इसका लाभ प्राप्त होगा। साथ ही वहां की विशिष्टताओं से भी प्रतिनिधियों का परिचय कराने का अवसर प्राप्त होगा। इस कार्यक्रम से हम भारत की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विविधताओं से भी विश्व को अवगत कराएंगे।
(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)