Friday, November 22"खबर जो असर करे"

प्रधानमंत्री मोदी ने रखी भारतीय संस्कृति और समरसता के अभूतपूर्व केंद्र संत रविदास मंदिर की आधार शिला

सागर। प्रधानमंत्री मोदी ने वैदिक मंत्रोचार के साथ संत रविदास मंदिर का भूमि-पूजन कर शिलान्यास किया
श्रद्धा, आस्था और भक्ति के केंद्र संत रविदास के भव्य और दिव्य मंदिर का 100 करोड़ की लागत से होगा निर्माण

भोपाल! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़तुमा सागर में 11 एकड़ भूमि पर लगभग100 करोड़ की लागत से आकार लेने वाले संत शिरोमणी रविदास जी के स्मारक और मंदिर का वैदिक मंत्रोचार के साथ भूमिपूजन कर शिलान्यास किया। उन्होंने शिला-पट्टिका का अनावरण भी किया और मंदिर की प्रतिकृति का अवलोकन भी किया।

भूमिपूजन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न सम्प्रदायों के साधु-संतों का अभिवादन किया। इसी के साथ प्रदेश के पाँच स्थानों से प्रारंभ की गई समरसता यात्रा का भी आज समापन हुआ।

इस अवसर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार विशेष रूप से उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि फरवरी माह में ही मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समरसता के प्रणेता श्री संत रविदास जी के भव्य और दिव्य रूप में स्मारक और मंदिर निर्माण कराने की घोषणा की थी।प्रधानमंत्री द्वारा आज किए गए शिलान्यास के बाद अब यहाँ भव्य और अलौकिक मंदिर बनेगा। यह मंदिर नागर शैली में 10000 वर्ग फुट में बनेगा। यहाँ इंटरप्रिटेशन म्यूजियम भी बनेगा। संस्कृति और रचनात्मक के साथ संत रविदास के कृतित्व-व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने वाला संग्रहालय भी इस परिसर में बनेगा। संग्रहालय में चार गैलरी बनेगी, जिनमें भक्ति मार्ग, निर्गुण पंथ में योगदान, संत जी का दर्शन और उनके साहित्य, समरसता का विवरण भी रहेगा लाइब्रेरी के अलावा संगत हाल, जल कुंड, भक्त निवास भी बनेगा, जो आध्यात्मिक और आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। भक्त निवास में देश-विदेश से संत रविदास के अनुयायी और अध्येता आएंगे, जिन्हें संत जी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी। पन्द्रह हजार वर्गफुट में भोजनालय का निर्माण होगा। मंदिर में दो भव्य प्रवेश द्वार होंगे, सीसीटीवी कैमरे और लाइटिंग की व्यवस्था भी रहेगी।

वास्तु और विन्यास अनुसार संत रविदास जी का मंदिर अध्यात्म कला संग्रहालय भी होगा, जो श्रद्धा, आस्था और भक्ति का अभूतपूर्व स्थल होगा। दार्शनिक और अध्येता और जिज्ञासु भी देश-विदेश से आएंगे। संत रविदास जी का कृतित्व,- व्यक्तित्व और दर्शन पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायी होगा।