रविवार सुबह 11 बजे 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिये…से हुई। इसके बाद जी-20 समूह के 20 देशों के कलाकारों ने यह भजन अपनी-अपनी भाषा में प्रस्तुत किया। इस सम्मेलन में 70 देशों के 3200 प्रवासी भारतीय शामिल हो रहे हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी। पहले दिन गुयाना के राष्ट्रपति मो. इरफान अली मुख्य अतिथि और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी विशेष अतिथि हैं। ऑस्ट्रेलिया हाउस ऑफ पार्लियामेंट की सदस्य जेनेटा मेस्क्रेन्हेन्स गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में शामिल हुई हैं।
सम्मेलन के दूसरे सत्र में रोल ऑफ डायसपोरा यूथ इन इनोवेशन एंड न्यू टेक्नोलॉजी विषय पर विदेश से आए प्रवासियों ने अपने बारे में जानकारी दी। इस सत्र के मुख्य अतिथि देश के युवा और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने युवा प्रवासियों का स्वागत करते हुए कहा कि पासपोर्ट का रंग कोई भी हो, हमारा खून एक ही है। उन्होंने युवा प्रवासियों को सर्राफा चौपाटी जाने का आग्रह भी किया। अमृतकाल में देश की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रवासियों को निवेश, आयडिया एक्सचेंज के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यहां हम स्टार्टअप के यूनिकॉर्न बनने के तरीकों को साझा करेंगे। चिली से आए कूपर डॉट कॉम के फाउंडर अमित सोडानी ने कहा कि मैंने देश के इस सबसे स्वच्छ शहर को देखा। स्वच्छ भारत अभियान का यह जीता जागता उदाहरण है। यहां के डेवलपमेंट में सरकार और अधिकारियों का टॉप टू बॉटम कमिटमेंट देखने को मिला। यह वाकई प्रशंसनीय है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आप हमारे दिल के टुकड़े हैं। शिवराज सिंह ने नवाचार के लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया। न्यूटन का उदाहरण और सेब के पेड़ का किस्सा सुनाकर कहा कि जो दिमाग में विचार आये उसे जमीन पर उतरना ही नवाचार है। उन्होंने कहा कि सर्राफा के साथ 56 दुकान भी जरूर जाएं। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि- है नहीं है हाथ केवल हाथ मलने के लिए, तू इन्हें मुठ्ठी बना दुनिया बदलने के लिए। जब भी कोई इनोवेटिव आइडिया आए तो मामा को याद कर लेना। हम आपका साथ देने में कसर नहीं छोड़ेंगे।
भारतीय प्रवासी सम्मेलन में आए प्रवासी मेहमानों का स्वागत करते हुए भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी इंदौर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इंदौर न केवल देश का सबसे स्वच्छ शहर है, बल्कि यह बड़े दिलवालों का भी शहर है। उन्होंने कहा कि हमारा तो खून का रिश्ता है, पासपोर्ट का नहीं। 12 लाख प्रवासी भारतीय हैं। भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। दूर रहकर भी बड़ा जुड़ाव रखते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ सर्राफा बाजार ही नहीं जाएं, छप्पन दुकान को भी देखें।
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि कहा कि कोविड के बाद से एनआरआई समाज बेहद गंभीर दौर से गुजरा है। इसको भारत सरकार ने बारीकी से समझा है। आपको जानकार खुशी होगी कि भारत ने कोविड की चुनौतियों का बेहद मुस्तैदी से सामना किया। भारतीय युवा सभी चुनौतियों का स्वीकार करके देश और विदेश में नए आयाम तय कर रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार की कई योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन योजनाओं ने भारत को आत्मनिर्भर बनाया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर संवाद कायम किया है। वीजा प्रक्रिया की जटिलताएं दूर कर सरल बनाया है। भारत का फोकस सारे देशों से मजबूत संबंध स्थापित करने का है और इसके अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को अपने पूर्वजों की माटी से जोड़ने के लिए भारत सरकार कई कार्य कर रही है। प्रवासी भारतीयों के बच्चे भारत को जानें, इस पर भी फोकस है। भारत हमारी आंखों के सामने तेजी से बदल रहा है।
भारतीयों अपनी परंपरा से जुड़े रहें- जेनेटा मस्करेन्सन
ऑस्ट्रेलिया की सांसद जेनेटा मस्करेन्सन ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध आज जितने बेहतर हैं, उतने कभी भी नहीं रहे। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एन्थोनी अल्बानीज आने वाले समय में भारत का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत मेरे लिए कला, परंपरा और भावनाओं का एक गुलदस्ता है। भारतीय प्रवासियों की ताकत है कि वे अपनी संस्कृति की बेहतर बातों के साथ विदेश जाते हैं, वहां की बेहतर बातें भी अपनाते हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के बदले कानून का उल्लेख किया किया जिसमें रंगभेद को समाप्त किया। भारतीय मूल की ऑस्ट्रेलियाई सांसद ने भारतीयों को अपनी परंपरा से जुड़े रहने का आह्वान भी किया। एजेंसी (हि.स.)