Wednesday, April 16"खबर जो असर करे"

PM मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री से की चर्चा, कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर हुई बातचीत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसन (Denmark’s PM Mette Frederiksen) से मंगलवार को बातचीत की। दोनों नेताओं ने भारत-डेनमार्क ग्रीन रणनीतिक पार्टनरशिप (India-Denmark Green Strategic Partnership) के लिए मजबूत समर्थन की पुष्टि की। साथ ही, दूसरे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करके कहा, ‘आज पीएम मेटे फ्रेडरिकसन से बात करके खुशी हुई। हमने भारत-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप (India-Denmark Green Strategic Partnership) के लिए अपने मजबूत समर्थन और हमारे लोगों के लाभ के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की पुष्टि की। हमने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा की।’

विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने 2020 में ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के शुभारंभ के बाद से दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की समीक्षा हुई। विभिन्न क्षेत्रों में हरित रणनीतिक साझीदारी के विस्तार का जिक्र किया गया। इसके चलते भारत में डेनिश निवेश के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा हुई हैं, ताकि हरित संक्रमण में योगदान दिया जा सके। दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि वह इस साल नॉर्वे में होने वाले तीसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन और उस समय फ्रेडरिक्सन के साथ उनकी बैठक की उम्मीद कर रहे हैं।

भारत और डेनमार्क के बीच कैसे संबंध
भारत और डेनमार्क के बीच मैत्रीपूर्ण और सहयोग भरे संबंध रहे हैं, जो ऐतिहासिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आधारों पर टिके हैं। दोनों देश 1949 से राजनयिक संबंध साझा करते हैं। भारत डेनमार्क को एक विश्वसनीय भागीदार मानता है। विशेष रूप से हरित ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के क्षेत्र में। डेनमार्क की विशेषज्ञता नवीकरणीय ऊर्जा और पवन ऊर्जा में है जो कि भारत के महत्वाकांक्षी हरित लक्ष्यों के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देश इंडिया-डेनमार्क ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप 2020 के तहत सहयोग करते हैं जो पर्यावरण, तकनीक और व्यापार पर केंद्रित है। आर्थिक रूप से डेनमार्क की कंपनियां जैसे नोवो नॉर्डिस्क और मर्स्क भारत में सक्रिय हैं। भारतीय आईटी और फार्मा कंपनियां डेनमार्क में निवेश कर रही हैं।