ओरछा। हरे बांस मंडप छाए, सिया जू खां राम ब्याहन आए, बने दूल्हा छवि देखो भगवान की, दुल्हन बनी सिया जानकी..जैसे बुंदेली लोक गीतों (Bundeli folk songs) के साथ स्वागत व पुष्प वर्षा के बीच बुंदेलखंड की अयोध्या (Ayodhya of Bundelkhand) कहे जाने वाले ओरछा (Orchha) नगर में सोमवार को रामराजा सरकार की बरात (Ramraja Sarkar’s procession) राजसी ठाठ और बुंदेली वैभव के साथ निकली।
मार्गशीष शुक्ल पक्ष की पंचमी (विवाह पंचमी) के मौके पर सोमवार को रात आठ बजे राम राजा मंदिर से बारात की शुरुआत हुई, जिसमें दूल्हे के रूप में रामराजा सरकार की प्रतिमा को पालकी में विराजित किया गया है। भगवान के सिर पर सोने का मुकुट नहीं, बल्कि आम बुंदेली दूल्हों की तरह खजूर की पत्तियों से बना मुकुट पहनाया गया। पालकी के एक ओर छत्र और दूसरी ओर चंवर लगाया गया। रामराजा मंदिर के मुख्य द्वार पर बारात को पुलिस के 11 सशस्त्र जवानों द्वारा गार्ड आफ आनर दिया गया। खजरी का मुकुट लगाए और पंखा-तिकौना के साथ निकले रामराजा सरकार को निहारने के लिए दूर-दराज से पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़ आतुर दिखी। बुंदेलखंड के पारंपरिक विवाह गीतों पर विदेशी पर्यटक भी थिरकते नजर आए।
तीन दिवसीय विवाह उत्सव में विवाह पंचमी पर निकली रामराज सरकार की बरात में लोगों ने द्वार-द्वार दूल्हा बने श्रीरामराजा सरकार का तिलक किया। बैंड-बाजों की धुन पर श्रद्धालु झूमकर नाचे। अगवानी के लिऐ भवनों के सामने फूलों का श्रृंगार, कलश सजाकर रंगोली बनाई गई। पालकी में विराजे रामराज सरकार और भाई लक्ष्मण पर छतों से पुष्प वर्षा की। बरात में कई गांवों से पहुंचे घोड़े बैंड-बाजों की धुन पर नृत्य करते नजर आए।
बारात नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए आगे बढ़ते हुए देर रात भगवान जानकी मंदिर पहुंचेगी, जहां भगवान रामराजा माता सीता से विवाह करेंगे। जानकी मंदिर में सीता से विवाह की रस्में पूरी कराए जाने के बाद मंगलवार को श्रीरामकलेवा का आयोजन किया जाएगा। वरयात्रा निकलने के साथ ही मंदिर प्रांगण में देश के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा धनुष यज्ञ की लीला का मंचन किया गया। मंदिर परिसर में एक दर्जन से अधिक जोड़े श्रीराम को साक्षी मानकर जीवनभर साथ निभाने का वचन लेकर परिणय सूत्र में बंधे। (एजेंसी, हि.स.)