Saturday, September 21"खबर जो असर करे"

समझने की जरूरत है ‘ऑनलाइन’ धर्मांतरण का ‘गेम’

– मृत्युंजय दीक्षित

ऑनलाइन गेमिंग ऐप वैसे तो कई प्रकार से समाज के लिए नुकसानदेह है किन्तु कट्टरपंथी इस्लामिक तत्वों द्वारा इनका प्रयोग धर्मांतरण के लिए किया जाना एक बड़े दुश्चक्र के रूप में सामने आया है । इसका खुलासा विस्मय करने वाला है। पुलिस के हत्थे चढ़े मुख्य आरोपित शहनवाज खान उर्फ बद्दो के साथ तौफीक और आर्यन खान से पूछताछ हो रही है। यह पूरा गिरोह है। इसका खुलासा करने में गाजियाबाद जिले के पुलिस अधिकारियों की भूमिका सराहनीय है। इस गिरोह ने गाजियाबाद के राजनगर के एक किशोर को इस गेम की आड़ में मस्जिद में नमाज पढ़ने तक के लिए मजबूर कर दिया। उसे यह घुट्टी पिलाई गई कि इस्लाम दुनिया का सबसे बेहतर धर्म है। इस किशोर ने दो साल पहले बद्दो से कंप्यूटर के कुछ पार्ट खरीदे थे।

इस इंटर पास छात्र के ऑनलाइन गेमिंग ऐप से धर्मांतरण के मामले में पुलिस ने जामा मस्जिद कमेटी के सदस्य अब्दुल रहमान उर्फ नन्नी को भी दबोचा है। इस छात्र के अलावा दो किशोर और एक युवक का मतांतरण कराने के साक्ष्य भी मिले हैं। पुलिस ने अब्दुल रहमान को मतांतरण कराने का आरोपी बनाया है क्योंकि चारों मतांतरित नियमित रूप से नमाज पढ़ने जाते थे । इमाम का कहना है कि रहमान को दो माह पूर्व ही मस्जिद कमेटी से बाहर किया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी निपुण अग्रवाल का कहना है कि छात्र के मोबाइल से मिले सात नंबरों में से एक नंबर अब्दुल का था। छात्र अब्दुल से करीब सात-आठ माह पूर्व जामा मस्जिद में ही मिला था। अब्दुल ने उसे इस्लामिक सामग्री भेजी। उस पर नमाज पढ़ने का दबाव बनाया। दरअसल यह गिरोह ऑनलाइन गेम के दौरान कहते थे कि आयत पढ़ोगे तो लगातार जीत मिलेगी । और किशोर मन इनकी बातों में आकर ऐसा करने लगते थे।खास बात यह है कि इस गिरोह के लोगों की आईडी हिंदुओं के नाम पर हैं, जिससे कोई उन पर संदेह न करे। गिरोह के तार विदेशों से भी जुड़े हैं।

प्रयागराज में भी गेमिंग ऐप के माध्यम से एक ब्राह्मण परिवार के 17 वर्षीय सदस्य के दिमाग में जहर घोल दिया गया। इसके बाद इस लड़के ने पूजा- पाठ बंद कर दी। मजार पर जाकर वहां उर्दू में लिखी इबारत को पढ़कर चूमने लगा । अपना जनेऊ तोड़कर फेंक दिया। जालीदार टोपी पहनने लगा और कव्वाली सुनने लगा ।

काल्विन अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. ईशान्या राजा ने कहा है कि मां- बेटे से बात करने पर यह बात स्पष्ट हो गई है कि और भी किशोरों का धर्मांतरण मोबाइल गेम की आड़ में कराया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में पांच राज्यों के युवकों का धर्मांतरण कराने की मिली है। बद्दो के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से पता चला है कि पिछले एक साल में उसके संपर्क में 100 से ज्यादा युवक आए। उसके बैंक से जानकारी मिली है कि उसके खाते में हर महीने लाखों रुपये जमा कराये जा रहे थे।

यह रकम गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में जमा कराई गई । जांच एजेंसियों को पाकिस्तान कनेक्शन के भी कुछ सुराग मिले हैं । दावा तो यह तक किया गया है कि बद्दो का गिरोह महाराष्ट्र के ठाणे में 400 और गुजरात में भी लगभग 400 लोगों का धर्मांतरण करवा चुका है।

यह संतोष की बात है कि उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कड़ा कानून लागू है। धर्मांतरण के आरोपित पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून व गैंगस्टर लगाने जैसे कदम उठाने का भी प्रावधान है। साथ ही संपत्ति भी जब्त करने का प्रावधान है। इस सबसे साफ है कि अब बच्चों पर नजर रखने की जरूरत है। ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर चल रहे इस खेल से यह जरूरी हो गया है।

(लेखक, स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)