नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने शनिवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के सभी निवर्तमान अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से डब्ल्यूएफआई के किसी भी प्रशासनिक कार्य को करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आईओए ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है।
पत्र में कहा गया है, “24.04.2023 के मंत्रालय के पत्र पर ध्यान देते हुए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) में प्रशासनिक शून्यता की सूचना दी गई। डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी परिषद के चुनाव कराने और डब्ल्यूएफआई के मामलों का प्रबंधन करने के लिए आईओए से अस्थायी समिति या तदर्थ समिति बनाने का अनुरोध किया गया, आईओए कार्यकारी परिषद ने 27 अप्रैल, 2023 को हुई अपनी आपात बैठक में सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि डब्ल्यूएफआई के मामलों की जिम्मेदारी संभालने के लिए एक तदर्थ समिति का गठन किया जाना चाहिए।”
पत्र में आगे कहा गया,”आईओए ने 03.05.2023 के आदेश द्वारा तदर्थ समिति नियुक्त की है, जिसमें भूपेंद्र सिंह बाजवा, (आईओए की कार्यकारी परिषद के सदस्य) और सुमा शिरूर (आईओए की उत्कृष्ट योग्यता वाली खिलाड़ी) शामिल हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय या भारत के किसी भी उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश डब्ल्यूएफआई के नए चुनाव सुचारू, पारदर्शी और कानूनी रूप से सुनिश्चित करने के लिए तदर्थ समिति के साथ शामिल होंगे। तदर्थ समिति ने पहले ही काम करना शुरू कर दिया है।”
पत्र में कहा गया, “उपरोक्त के अनुसरण में, यह स्पष्ट किया जाता है कि कुश्ती के अनुशासन के लिए आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति खेल संहिता में उल्लिखित राष्ट्रीय खेल संघ के सभी कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाएगी। तदर्थ समिति के अस्तित्व में होने के साथ ही डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों की कुश्ती के अनुशासन के लिए संघ के किसी भी कार्य में कोई भूमिका नहीं होगी और वे कोई भी प्रशासनिक, वित्तीय, नियामक या अन्य कार्यों में हिस्सा नहीं लेंगे। इसलिए, डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे वेबसाइट प्रबंधन, वित्तीय साधनों, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी के लिए प्रविष्टियां करने के लिए लॉगिन विवरण आदि सहित सभी आधिकारिक दस्तावेजों को तत्काल तदर्थ समिति को सौंप दें।”
इससे पहले 24 अप्रैल को, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय ने घोषणा की कि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) 45 दिनों के भीतर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने के लिए एक तदर्थ समिति का गठन करेगा। जिसका कार्य एथलीटों के चयन और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में खिलाड़ियों की भागीदारी के लिए प्रविष्टियां करने सहित संघ के दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करना होगा।
नई कार्यकारी समिति के कार्यभार ग्रहण करने तक यह समिति अंतरिम अवधि के लिए कार्य करेगी।
बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कई महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है, जिसके बाद भाजपा सांसद की गिरफ्तारी और कुश्ती महासंघ से हटाने की मांग को लेकर कई पहलवान राष्ट्रीय राजधानी में जंतर मंतर के बाहर डेरा डाले हुए हैं।
पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की एक टीम बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए उत्तर प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक और हरियाणा गई थी।
पुलिस ने सबूत के तौर पर अलग-अलग जगहों से फोटो और वीडियो कलेक्ट किए हैं।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को महिला पहलवानों द्वारा डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कथित यौन अपराध के मामले में दायर आवेदन पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल की। अदालत को यह भी बताया गया कि मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को दो प्राथमिकी दर्ज की थी।