
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर यूरोपीय देशों रूस पर एक बार फिर से दवाब बनाना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत स्कैंडिनेवियाई देश स्वीडन ने की है। स्टॉकहोम की तरफ से मंगलवार को बताया गया कि उसने हाल की के दिनों में यूक्रेन के क्रिवी रिग और सुमी शहरों और वहां के लोगों पर हो रहे हमलों को देखते हुए रूसी राजदूत को अपने विदेश मंत्रालय में तलब किया है।
स्वीडिश विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा, “रूसी राजदूत को उनकी उपस्थिति के दौरान इंटरनेशनल मानवीय नियमों के अनुसार नागरिकों और नागरिकों को बुनियादी ढांचों की रक्षा करने के लिए रूस की जिम्मेदारी पर जोर दिया गया।” बयान के मुताबिक स्टॉकहोम के रूसी राजदूत को मंत्रायल में बुलाना हाल के हफ्तों में यूक्रेन के क्रिवी और सुमी के शहरों में नागरिकों पर हुए हमलों पर स्वीडन के गंभीर रुख को स्पष्ट करता है। स्वीडन की तरफ से रूसी राजदूत से इस मामले में स्पष्ट रुख अपनाने के लिए कहा गया है।
रविवार को यूक्रेन के सुमी पर रूस की तरफ से मिसाइल हमला किया गया था। इस हमले में 35 लोग मारे गए थे, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। तमाम वैश्विक नेताओं ने इस हमले के लिए रूस की कड़ी निंदा की थी। मामले के जानकार लोगों के मुताबिक यह इस यु्द्ध में नागरिकों के ऊपर किया गया 2025 का सबसे घातक और तीन साल के युद्ध में रूस द्वारा किए गए सबसे भयानक हमलों में से एक था।
आपको बता दें कि शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के गृहनगर क्रिवी रिग पर हमला हुआ था.. इस हमले में 9 बच्चों समेत 20 लोग मारे गए थे। मुख्य युद्ध भूमि से 80 किलोमीटर दूर होने के बाद भी रूसी सेना द्वारा 2022 से लगातार इसे निशाना बनाया जा रहा है।
रूस द्वारा किए गए इन हमलों की उसी समय निंदा करते हुए स्वीडिश विदेश मंत्री मारिया माल्मर ने एक्स पर लिखा था कि यह किसी ऐसे देश का काम नहीं हो सकता जो शांति चाहता हो.. स्वीडिश सरकार रूस से यूक्रेनी क्षेत्र से सभी सैनिकों को वापस बुलाने का आह्वान करती है। हमारी सरकार यूक्रेन में न्यायपूर्ण और स्थायी शांति चाहती है।
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस क्षेत्र में शांति के लिए प्रयास कर चुके हैं.. एक समय पर यूक्रेन अमेरिका द्वारा रखे गए शांति प्रस्ताव को स्वीकार कर चुका था लेकिन व्लादिमीर पुतिन ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के ऊपर हमला करना जारी रखा है।