– वित्त मंत्री का फिनटेक उद्योग से सरकार के साथ विश्वास बनाने का आग्रह
नई दिल्ली। वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि भारत (India) में वित्त पोषण का भविष्य (Future of Financing) डिजिटलीकरण (Digitization) के जरिए है। भारतीय नागरिकों (Indian Citizens) का डिजिटल लेन-देन (Digital Transactions) अपनाना एक अद्भुत मिसाल है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों से पता चलता है कि यूपीआई के माध्यम से जुलाई, 2022 में 10.62 लाख करोड़ रुपये के 628 करोड़ लेन-देन किए गए हैं।
सीतारमण ने मंगलवार को भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) लीड्स-2022 कार्यक्रम में ‘फ्यूचर ऑफ फाइनेंसिंग’ सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश में न केवल बड़े शहरों, बल्कि टियर-2 और टियर 3 शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रौद्योगिकी अपनाने की दर बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि एनपीसीआई के आंकड़ों से यह पता चलता है कि यूपीआई से मासिक आधार पर लेन-देन में पर्याप्त वृद्धि देखी जा रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीआई का लक्ष्य अगले पांच साल में एक दिन में एक अरब लेन-देन को पूरा करना है। सभी देशों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिये कुछ करना होगा लेकिन विकसित देशों से प्रौद्योगिकी या धन का हस्तांतरण नहीं हो रहा है। सीतारमण ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए विकासशील देशों की जरूरतों को पूरा करने को लेकर विकसित देशों के संयुक्त रूप से हर वर्ष 100 अरब डॉलर जुटाने की प्रतिबद्धता के पहले ही पांच साल पूरे हो गए हैं।
इससे पहले सीतारमण ने वित्तीय प्रौद्योगिकी, फिनटेक उद्योग से सरकार के साथ विश्वास बनाने और अधिक जुड़ने का आग्रह किया। सीतारमण ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2022 (जीएफएफ) को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि दूरियों को समाप्त कर सरकार तथा उसकी एजेंसियों के साथ ज्यादा से ज्यादा जुड़कर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार में चाहे प्रधानमंत्री हों, मंत्री हों या नीति आयोग, हर कोई बातचीत, विचारों के आदान-प्रदान के लिए उपलब्ध है। (एजेंसी, हि.स.)