Friday, November 22"खबर जो असर करे"

नई तकनीक से खुलेगा ज्ञान का नया आकाश: मुख्यमंत्री शिवराज

– जबलपुर के उत्कृष्ट विद्यालय में मप्र की पहली वर्चुअल रियलिटी लैब का उद्घाटन

भोपाल (Bhopal)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने जबलपुर में गुरुवार को गणतंत्र दिवस पर पं. लज्जाशंकर झा उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्चुअल रियलिटी लैब का शुभारंभ (Inauguration of Virtual Reality Lab) किया। इस मौके पर उन्होंने बच्चों से रूबरू होते हुए कहा कि वर्चुअल रियलिटी लैब ज्ञान की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस नई तकनीक (new technology) से युवा पीढ़ी के ज्ञान को नया विस्तार मिलेगा। साथ ही विद्यार्थियों को अध्ययन के अलग-अलग क्षेत्रों को क़रीब से जानने और समझने का अवसर मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में ऐसी अत्याधुनिक लैब की संख्या बढ़ाने के लिए रूपरेखा तैयार करेगी। उन्होंने जबलपुर के तीन युवाओं द्वारा अपने स्टार्टअप के माध्यम से स्थापित मध्यप्रदेश की पहली वर्चुअल लैब की प्रशंसा की।

लैब का उद्घाटन करने पर मुख्यमंत्री का स्कूल के बच्चों ने तालियों से स्वागत किया। इस मौके पर सांसद राकेश सिंह, राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि, मप्र जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जामदार, विधायक नंदिनी मरावी, विधायक अजय विश्नोई, विधायक सुशील तिवारी और पूर्व मंत्री अंचल सोनकर सहित जन-प्रतिनिधि एवं अधिकारीगण मौजूद रहे।

बच्चों के सवाल, मुख्यमंत्री के जवाब
मुख्यमंत्री ने बच्चों से सवाल करने का आग्रह किया। उत्कृष्ट विद्यालय के कक्षा 11वीं के छात्र ओम पटेल ने प्रश्न किया कि राज्य सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी के लिये सुपर 100 योजना चला रही है, क्या इस योजना में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बिल्कुल उपयुक्त तथ्य है कि विद्यार्थियों की संख्या कम क्यों रहे। आने वाले सेशन से यह योजना सुपर 500 की जायेगी।

स्कूल की छात्रा सुष्मिता चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि राज्य सरकार की महिलाओं और बालिकाओं के हित में संचालित योजनाएं, जिनमें लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और मेधावी विद्यार्थी योजना आदि हैं, इन्हें लागू करने का विचार आपके मन में कैसे आया। मुख्यमंत्री इस प्रश्न का उत्तर देते वक़्त भावुक हो गए। उन्होंने छात्रा सुष्मिता को यह प्रश्न पूछने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि जब उनकी उम्र कम थी तभी से उन्हें यह बात बहुत चुभती थी कि समाज में बेटा-बेटी में भेद किया जाता है, लेकिन उस वक़्त वे कुछ कर नहीं सकते थे। बाद में जब 1990 में वे पहली बार विधायक चुन कर आये तो उन्होंने कुछ निर्धन कन्याओं का विवाह कराया। फिर सांसद बनने के बाद सिलसिला और विस्तारित हो गया।

उन्होंने कहा कि जब वे पहली बार मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना का प्रारूप तैयार कराया और इसे लागू किया। इसके बाद मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का शुभारंभ किया, जिससे बेटी परिजन के लिए बोझ न बने और उसके प्रति समाज का नजरिया बदले। उन्होंने बताया कि इसके बाद बेटियों की निःशुल्क शिक्षा के लिए योजना बनाई गई, जो पहले स्कूल औऱ कॉलेज स्तर पर लागू की गई, लेकिन प्रदेश सरकार अब योजना से प्रोफेशनल डिग्री की पढ़ाई के लिए भी सहयोग कर रही है।

वर्चुअल रियलिटी लैब को बनाने वाले जबलपुर शहर के ही युवा निखिल भटनागर, ललित बर्मन और मयंक श्रीवास्तव हैं। इन तीनों ने स्पार्क वीआर टेक्नालॉजी के नाम से स्टार्टअप शुरू कर स्पार्क वीआर एप तैयार किया है। इस लैब से बच्चों को किताबी दुनिया से निकाल कर वास्तविक तरीके से (वर्चुअली) से विविध विषयों का अध्ययन कराया जाएगा। (एजेंसी, हि.स.)