आरपीपी प्रवक्ता मोहन कुमार श्रेष्ठ के मुताबिक, पार्टी ने सर्वसम्मति से 9 मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले मतदान में हिस्सा नहीं लेने और तटस्थ रहने का फैसला किया है। आरपीपी के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगदेन सीपीएन (यूएमएल) के उम्मीदवार सुभाष चंद्र नेमवांग को वोट देने का निर्णय लेने के पक्ष में हैं, लेकिन केंद्रीय कार्य सम्पादन समिति के अधिकांश सदस्यों ने एक स्टैंड लिया है कि वे किसी का पक्ष नहीं लेंगे। आरपीपी राजसंस्था सहित हिंदू राष्ट्र के पक्ष में है। इसलिए वह राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करने की नीति अपनाते रहे हैं। आरपीपी के इस फैसले से नेपाली कांग्रेस उम्मीदवार रामचंद्र पौडेल की जीत और भी निश्चित हो गई है। चुनाव में 9 पार्टियों ने पौडेल को समर्थन देने का फैसला किया है। अभी तक उम्मीदवार नेमवांग के पक्ष में सिर्फ उनकी पार्टी यूएमएल ने मोर्चा खोला है। पौडेल को समर्थन देने का फैसला करने वाले दलों के वोटों को जोड़ने से भारी बहुमत मिलेगा। इसलिए पौडेल की जीत लगभग तय नजर आ रही है। (हि.स.)
काठमांडू। नेपाल में 9 मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने तटस्थ रहने का फैसला किया है। बुधवार को हुई केंद्रीय कार्य सम्पादन समिति की बैठक में तय हुआ है कि राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी।