नवाज शरीफ ने उत्साहित भीड़ से भावनात्मक अपील भी की। उन्होंने कहा- ‘जब भी मुझे पाकिस्तान के सामने आने वाले मुद्दों को हल करने का मौका दिया गया, मैंने वफादारी के साथ देश की सेवा की है। मैं किसी भी बलिदान से कभी नहीं हिचका। आज यहां आप सबकी आंखों में वफा देखकर गर्व हो रहा है। राष्ट्र के साथ मेरा रिश्ता वैसा ही है, जैसा देश छोड़ने के समय था।’ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संबोधन के केंद्र में मरियम ही रहीं। हालांकि उन्होंने अपने भाई शहबाज शरीफ की भी तारीफ की। उन्होंने कहा मरियम पाकिस्तान की बहादुर बेटी है।
पीएमएल-एन प्रमुख शरीफ ने कहा कि उन्होंने अपनी मां और पत्नी को राजनीति के कारण खो दिया। वह यह बताते हुए भावुक हो गए कि कारावास के दौरान उन्होंने दोनों की मौत की आघात पहुंचाने वाली खबर का कैसे सामना किया। इस मौके पर मरियम नवाज ने कहा- ‘मैंने सोचा था कि मीनार-ए-पाकिस्तान बहुत विशाल आयोजन स्थल है। मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि यह पीएमएल-एन समर्थकों के लिए छोटा हो जाएगा।’