– विष्णुदत्त शर्मा
राष्ट्रीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी का सफर महज दो सीटों से शुरु हुआ था और आज 303 सीटें हैं। 1984 से लेकर 2023 तक की यात्रा में चार पक्षों की सबसे बड़ी भूमिका रही है- विजन, संगठन, नेतृत्व और कार्यकर्ता। इन चारों बातों के कारण जनता का विश्वास बढ़ा और उसने लोकतांत्रिक व्यवस्था में भाजपा को सिरमौर बनाया। स्पष्ट विजन और संगठन बनता है नेतृत्व से और नेतृत्व खड़ा होता है कैडर यानी कार्यकर्ताओं से। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवानी से लेकर नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जय प्रकाश नड्डा तक पार्टी का नेतृत्व करने वाले अनेक लोग इसी कैडर की गंगोत्री से निकले हैं। सभी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और सदा कार्यकर्ता बनकर दी गई जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहे हैं। यह विशिष्ट संगठन तंत्र ही भाजपा को दूसरे दलों की तुलना में विशेष बनाता है।
वर्तमान दौर का आकलन करें तो नरेंद्र भाई मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व ने पार्टी के विजन और संगठन का अद्भुत विस्तार किया है। हिन्दी क्षेत्रों से आगे बढ़कर गैर हिन्दी क्षेत्रों और सुदूर पूर्वोत्तर तक पार्टी का विजन और संगठन विस्तारित हुआ है। नेतृत्व की रीढ़ बनकर करोड़ों कार्यकर्ता उनके विजन को आगे बढ़ाते हैं। कार्यकर्ता ही कैरियर हैं, जो नेतृत्व के विजन को संकल्प सिद्धि में परवर्तित करते हैं। चार दशक पहले जब भाजपा ने मात्र 2 सीटों का खाता खोला था तब भी कार्यकर्ता ही उसकी ताकत थे और आज जब देश में दो बार प्रचंड बहुमत की मोदी सरकार बनी है, तब भी कार्यकर्ता ही उसकी रीढ़ हैं। कई राज्यों में आज सरकारें हैं तो उसकी ताकत भी पार्टी के कार्यकर्ता हैं जो आज नरेंद्र भाई मोदी के विजन को जमीन पर उतार रहे हैं।
नरेंद्र मोदी के चमत्कारिक नेतृत्व और उनके विजन ने कार्यकर्ताओं को चौगुनी ताकत दी है। यही कारण है कि आज देश के हर कोने में भाजपा का झंडा उठाने वाला कैडर तैयार हो गया है। यही नहीं पार्टी ने जिन विचारों को लेकर यात्रा शुरु की थी, उनको सुदृढ़ करने का सामर्थ्य भी मिला है। आज देश में पार्टी ने एक ऐसी सरकार दी है जो दीर्घकालिक विजन के साथ काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता का परिणाम है कि हमारा देश हर क्षेत्र में नयी ऊंचाई पर है। भारत ही नहीं बाहर भी देश की शक्ति बढ़ी है। यह शक्ति करोड़ों कार्यकर्ताओं की निष्ठा, सक्रियता और प्रतिबद्धता से आती है।
दरअसल, दीनदायल उपाध्याय, कुशाभाऊ ठाकरे से लेकर अबतक भाजपा संगठन के प्रमुख नेतृत्वकर्ताओं ने कार्यकर्ता निर्माण की प्रक्रिया को सदा ही सर्वोपरि व गतिमान रखा है। यही कारण है कि तीन दशक आते-आते भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई। भावी पीढ़ी को तैयार करते रहना पार्टी का सहज स्वभाव है। यहां हर कार्यकर्ता किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के लिए सदा तैयार रहता है। पार्टी की कार्यशैली, संगठन तंत्र और इसके शीर्ष नेतृत्व के विजन ने देश की करोड़ों जनता का विश्वास हासिल कर अद्भुत इतिहास रचा है। इस विश्वास के साथ समाज का हर तबका जुड़ा है। सामान्य गरीब नागरिक से लेकर प्रबुद्धजनों ने भी विपक्षियों के दुष्प्रचार को खारिज करते हुए भाजपा में विश्वास जताया है तो उसके पीछे भी कार्यकर्ताओं की क्रियान्वयनता है। इस क्रियान्वयनता को युगानुकूल संसाधनों से युक्त करना भी आवश्यक है।
2047 में स्वाधीनता के 100 साल पूरे होने परजिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने भारत के लिए एक विजन रखा है, उसी प्रकार पार्टी ने भी आगामी दशकों में उसकी जरूरतों को ध्यान में रखकर रोडमैप बनाया है। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पहले पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित भाई शाह ने भाजपा को आधुनिक संसाधनयुक्त, तकनीकयुक्त और युगानुकूल बनाने की दिशा में कार्यालयों के निर्माण का अभियान चलाया था, जो वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में लक्ष्यपूर्ति की ओर अग्रसर है। इस कड़ी में मध्य प्रदेश भाजपा का कार्यालय भी भावी पीढ़ियों के लिए नयी आवश्यकताओं के अनुरूप बनने जा रहा है, जिसका शिलान्यास राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे। गौरतलब है कि आज पार्टी का नेतृत्व जिस संसाधन को खड़ा करने की प्रेरणा दे रहा है, वह स्वयं के लिए नहीं है। ऐसे संसाधन आने वाली पीढ़ियों के लिए तैयार हो रहे हैं। यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं की दूरदर्शिता का अनूठा उदाहरण है।
भावी पीढ़ी की जरूरतों को समझना, आने वाले युग काल के लिहाज से संसाधनयुक्त होना और उसके लिए वर्तमान कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना, यह दलगत राजनीति में दुर्लभ दृश्य है। विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने की जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार करने की योजना संगठन तंत्र काअद्भुत उदाहरण है। विचार को हर युग में प्रासंगिक बनाये रखने, उसके विस्तार और उपयोगिता की तैयारी के लिए तत्परता भाजपा की विशेषता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में देश जिस रास्ते पर आगे बढ़ा है, वह राष्ट्र के पुनर्निर्माण का रास्ता है। आज की योजनाएं कल की भविष्य हैं। आज का सुशासन कल सुनहरा आसमान है। वह हमारे आध्यात्मिक सांस्कृतिक उत्थान का मार्ग है। विश्व में गौरवमयी स्थान पाने का रास्ता है। 70 साल से गरीबी के नकली नारों से मुक्ति का सहज मार्ग है। इन परिवर्तनों में जिन कार्यकर्ताओं की क्रियान्वयनता की भूमिका है, उनको साधन सम्पन्न बनानाएक अपरिहार्य आवश्यकता है।
पार्टी के नेतृत्व में आजादी के 70 साल बाद देश का विमर्श सही रास्ते पर आया है। अभी तक हमारे देश के स्वाधीनता संग्राम का विमर्श नेहरू परिवार और कांग्रेस पार्टी केंद्रित था, जो परिवर्तित होकर सामान्यजनों तक पहुंचा है। केंद्र एवं राज्य सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त ऐसे प्रयास किये हैं जिससे देश के जनजातीय नायक, जनसाधारण से निकले क्रांतिकारी विमर्श के केंद्र में आये हैं। मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर इनकी गाथाएँ दिखाई जा रही हैं। देश का आम नागरिक यह समझने लगा है कि आजादी किसी एक परिवार के कारण नहीं बल्कि देश को कोटि कोटि नागरिकों के सामूहिक प्रयास से मिली है।
श्रीराम मंदिर निर्माण, कश्मीर में धारा 370 की समाप्ति, कृषि कानून, सीएए-एनआरसी जैसे अनेक मुद्दों पर राष्ट्रविरोधी ताकतों को मुंह की खानी पड़ी है। साफ नीयत से चलाई जा रही सरकार के फैसलों को जनता ने सराहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक अनेक मुद्दों पर विभाजनकारी ताकतों द्वारा गढ़ा गया विमर्श धराशाही हुआ है। हमारे राजनीतिक और सामाजिक नेतृत्व ने राष्ट्रीय विमर्श को ऐसी दिशा दी है, जिससे देश परम वैभव की ओर बढ़ रहा है। यह संगठन तंत्र की ही शक्ति है।
(लेखक भाजपा मप्र के अध्यक्ष एवं खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से संसद सदस्य हैं।)